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सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान पर्रिकर गोवा में थे : दिग्विजय

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सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान पर्रिकर गोवा में थे : दिग्विजय

पणजी | कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को कहा कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान गोवा में थे। उन्होंने कहा कि पर्रिकर को पाकिस्तानी सीमा में आतंकवादी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में टेलीविजन के जरिए पता चला था। दिग्विजय ने पणजी में मीडिया से कहा, “रक्षा मंत्री को सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में टीवी से पता चला, उस समय वह गोवा में थे।”

उन्होंने साथ ही कहा कि पर्रिकर ने सर्जिकल स्ट्राइक के लिए इस अभियान को अंजाम देने वाली भारतीय सेना की जगह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा खुद को मिले प्रशिक्षण को इसका श्रेय दिया, जो अनुचित है।

दिग्विजय ने कहा, “मुझे कहते हुए खेद हो रहा है कि एक व्यक्ति जो मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अब रक्षामंत्री हैं, उन्होंने सेना के स्थान पर आरएसएस को इसका श्रेय दिया।”

उन्होंने कहा, “यह पहले भी किया जा चुका है और पूर्व सेना प्रमुख ने भी कहा था कि ऐसे अभियान पहले भी अंजाम दिए जा चुके हैं। लेकिन, ऐसी चीजों के लिए सार्वजनिक रूप से श्रेय नहीं लिया जाता।”

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बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में FIR दर्ज, फेक न्यूज फैलाने का है आरोप

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बेंगलुरु। बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या पर कर्नाटक में एफआईआर दर्ज हुई है। तेजस्वी पर एक किसान की आत्महत्या के मामले को वक्फ बोर्ड के साथ भूमि विवाद से जोड़कर फर्जी खबर फैलाने का आरोप है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसान की आत्महत्या का कारण कर्ज और फसल खराबी था, न कि जमीन का विवाद। इस मामले ने कर्नाटक में राजनीति को गरमा दिया है।

हावेरी जिले के पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में बताया कि किसान की मौत जनवरी 2022 में हुई थी। उन्होंने कहा कि किसान ने आत्महत्या की वजह कर्ज और फसल नुकसान बताया गया था। पुलिस ने मामले की जांच पूरी करके रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। सूर्या की पोस्ट के बाद इस घटना को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई, और सोशल मीडिया पर चर्चाएं शुरू हो गईं।

कन्नड़ न्यूज पोर्टल के संपादकों पर भी FIR दर्ज

इस मामले में केवल तेजस्वी सूर्या ही नहीं, बल्कि दो कन्नड़ न्यूज़ पोर्टल के संपादकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई है। इन पोर्टल्स ने एक हेडलाइन में दावा किया कि किसान की आत्महत्या वक्फ बोर्ड के भूमि विवाद से जुड़ी थी। पुलिस का कहना है कि इस प्रकार की गलत जानकारी किसानों में तनाव फैला सकती है और इसीलिए मामला दर्ज किया गया है।

वहीँ एफआईआर दर्ज होने के बाद तेजस्वी सूर्या ने इसपर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि हाल ही में वक्फ भूमि के नोटिसों ने किसानों के बीच चिंता बढ़ाई है, जिसके चलते उन्होंने प्रारंभिक रिपोर्ट पर विश्वास किया।

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