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सशस्त्र बल ट्रिब्यूनल पर रक्षा मंत्री के अधिकार पर जवाब तलब
नई दिल्ली, 25 अगस्त (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री के सशस्त्र बल ट्रिब्यूनल (एएफटी) के सदस्यों की नियुक्ति, हटाने व दिए जाने वाले किसी भी लाभ के जांच के अधिकार के नियमों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र का जवाब मांगा है।
याचिकाकर्ता नवदीव सिंह ने ट्रिब्यूनल, अपीलीय ट्रिब्यूनल व दूसरे अधिकारियों (योग्यताएं, अनुभव व सदस्यों की सेवा की दूसरी शर्तो) के प्रावधानों की वैधता के नियम, 2017 को चुनौती दी है। नवदीप सशस्त्र बल ट्रिब्यूनल बार एसोसिएशन, चंडीगढ़ के संस्थापक सदस्य हैं।
इन नियमों को वित्त अधिनियम, 2007 की धारा 181 व 184 के तहत बनाया गया है।
प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा व न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने रक्षा मंत्रालय को नोटिस जारी किया, क्योंकि वकील ऐश्वर्या भाटी ने खंडपीठ को बताया कि नियम सर्वोच्च अदालत के फैसले का उल्लंघन है और यह न्यायिक निकाय की स्वतंत्रता में दखल है।
याचिकाकर्ता सिंह का प्रतिनिधित्व कर रही वकील भाटी ने बाद में कहा कि नियम के तहत रक्षा सचिव एएफटी के सदस्यों की नियुक्ति के लिए खोज-सह-चयन समिति के एक सदस्य होंगे।
नियम यह भी कहता है कि ट्रिब्यूनल को मूल मंत्रालय के तहत काम करना है।
भाटी ने बाद में कहा कि यहां तक कि छुट्टी पर जाने के लिए एएफटी के सदस्यों को रक्षा सचिव की अनुमति लेनी होगी।
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साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट खाते से उड़ाए 10 करोड़ रुपये, दिल्ली के रोहिणी इलाके का मामला
नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी इलाके में 70 साल के रिटायर्ड इंजीनियर से साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 10 करोड़ और 30 लाख रुपये अपने अकाउंट्स में ट्रांसफर करा लिए। बुजुर्ग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और 60 लाख रुपये की रकम को बैंक में फ्रीज करा दिया है।
पुलिस ने क्या बताया?
पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर के 10 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित रिटायर्ड इंजीनियर अपनी पत्नी के साथ में रोहिणी के सेक्टर 10 इलाके में रहते हैं। पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर की शिकायत के आधार पर साइबर सेल में प्राथमिकी दर्ज कर लिया है।
60 लाख रुपये फ्रीज
दिल्ली पुलिस ने बताया है कि रोहिणी में हुए डिजिटल अरेस्ट यानी धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराने-धमकाने के मामले में उन्हें 60 लाख रुपये फ्रीज करने में कामयाबी मिली है। एक पुलिस अधिकारी ने आशंका जताई है कि ये ठगी विदेश से कॉल करने वालों की ओर से अंजाम दी गई थी। लेकिन भारत में ठगों के सहयोगियों ने उन्हें लक्ष्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद की है।
क्या है मामला ?
आरोप है कि ठगों ने बुजुर्ग को धमकाया और कहा कि तुम्हारे नाम पर ताइवान से एक पार्सल आया है, जिसके अंदर कई तरह की प्रतिबंधित किस्म की दवाइयां मिली है। इस वजह से तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा और तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा। यह बात सुनकर बुजुर्ग घबरा गए।
आरोप है कि इसके बाद साइबर ठगों ने बुजुर्ग से कहा कि अगर तुम गिरफ्तारी से बचना चाहते हो तो सबसे पहले खुद को एक कमरे में बंद कर लो और अपने मोबाइल और लैपटॉप का कैमरा ऑन कर कर लो और जब तक तुम कैमरे के सामने रहोगे, तब तक तुम्हें गिरफ्तारी से बचाने की कोशिश की जाएगी। वरना, तुम्हारे परिवार के लोगों को भी अरेस्ट कर लिया जाएगा। बुजुर्ग ने साइबर ठगों की बात मान ली और वह करीब आठ घंटे तक कमरे में ही बैठे रहे।
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