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साइंटिस्ट ने भी माना, मानव निर्मित अद्भुत कारीगरी का सबूत है रामसेतु

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रामसेतु के अस्तित्व पर बहस काफी लंबे समय से होती रहती है लेकिन अब साइंटिस्ट ने दावा किया है कि भारत और श्रीलंका के बीच बना पुल मानव निर्मित है। चैनल के मुताबिक बलुई रेखा पर मौजूद पत्थर करीब सात हजार साल पुराने हैं।

अमेरिका में प्रसारित होने वाले साइंस चैनल पर विज्ञान आधारित कार्यक्रम ‘व्हाट ऑन अर्थ’ में वैज्ञानिकों ने सेतु स्थल की तस्वीरों के अध्ययन के आधार पर यह दावा किया है। साइंटिस्ट ने शो में बताया कि भारत और श्रीलंका के बीच स्थित प्राचीन ‘एडम्स ब्रिज’ यानी राम सेतु इंसानों ने बनाया था। खास बात यह है कि भारत के रामेश्वरम के करीब स्थित द्वीप पमबन और श्रीलंका के द्वीप मन्नार के बीच 50 किलोमीटर लंबा अद्भुत पुल कहीं और से लाए पत्थरों से बनाया गया है।

वैज्ञानिकों के अनुसार भारत-श्रीलंका के बीच 30 मील के क्षेत्र में बालू की चट्टानें पूरी तरह से प्राकृतिक हैं, लेकिन उन पर रखे गए पत्थर कहीं और से लाए गए प्रतीत होते हैं। यह करीब सात हजार वर्ष पुरानी हैं जबकि इन पर मौजूद पत्थर करीब चार-पांच हजार वर्ष पुराने हैं।

भू-वैज्ञानिक एरिन अर्गेईलियान ने इसका विश्लेषण करते हुए कहा है कि तस्वीर में दिख रहा पत्थर ‘सैंडबार’ (बालू) पर है जो आसपास से पानी के साथ बहकर आया है। जबकि, डॉक्टर एलन लेस्टर का ऐसा मानना है कि यहां पर सैंड पहले से मौजूद था जबकि उसके ऊपर पत्थर बाद में लाकर रखा गया है।

सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने भी इस वीडियो को जय श्री राम कैप्शन के साथ री-ट्वीट किया है।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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