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मुख्य समाचार

साइबर लूट के लिए कॉस्मोस बैंक खुद जिम्मेदार : एनपीसीआई

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मुंबई, 15 अगस्त (आईएएनएस)| भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) ने पुणे मुख्यालय वाले कॉस्मोस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में हुई साइबर लूट के लिए बुधवार को खुद बैंक के आईटी परिवेश को जिम्मेदार ठहराया।

इस साइबर हमले में बैंक को 94.42 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया। एनपीसीआई के जोखिम प्रबंधन प्रमुख भरत पंचाल ने कहा, एनपीसीआई का सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित है और यह समस्या बैंक (कॉस्मोस बैंक) के अपने आईटी परिवेश को लेकर पैदा हुई है।

उन्होंने कहा, यह समस्या बैंक के आईटी सिस्टम पर मालवेयर हमले के कारण पैदा हुई, जिसके चलते धोखाधड़ी हुई। हमले के तहत अधिकतम लेन-देन की रिपोर्ट विदेशों से मिली।

उन्होंने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि एनसीपीआई एक अंब्रेला संगठन है, जो भारत में खुदरा भुगतान और समाधान की व्यवस्था का संचालन करता है। संगठन की व्यवस्था पूरी तरह सुरक्षित है और संगठन कॉस्मोस बैंक की घटना से पैदा हुई स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है।

कॉस्मोस बैंक को अंतर्राष्ट्रीय हैकर ग्रुप द्वारा चूना लगाने की घटना की बैंक द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद भारत की पूरी बैंकिंग प्रणाली कांप सी गई। हैकर ने 11 अगस्त और 13 अगस्त को दो साइबर हमले में बैंक से कुल 94.42 करोड़ रुपये निकाल लिए।

पहले साइबर हमले में 28 देशों में बैंक को एटीएम स्वाइप के जरिए बैंक को 80.50 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया।

दूसरे हमले में स्विफ्ट ट्रांसफर के जरिए 13.92 करोड़ रुपये निकाले गए।

कॉस्मोस बैंक के अध्यक्ष मिलिंद ए. काले ने कहा कि नाजुक संचार प्रणाली पर मालवेयर हमले के बाद हैकरों ने विभिन्न भुगतान मार्गो से एक साथ 28 देशों में पैसे निकाले। उन्होंने फटाफट निकासी करना शुरू कर दिया, जिसमें कई मामलों में निकासी की रकम करीब 100 डॉलर थी। उन्होंने छोटी-छोटी रकम इसलिए निकाली, ताकि संदेह पैदा न हो।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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