Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

सिक्किम में एयरपोर्ट अगले साल के अंत तक : मंत्री

Published

on

Loading

गंगटोक। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री महेश शर्मा ने गुरुवार को कहा कि अगले साल दिसंबर तक सिक्किम में घरेलू हवाईअड्डा बनकर तैयार हो जाएगा। यहां चौथे अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन हाट का उद्घाटन करने के बाद शर्मा ने मीडिया को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा, “हवाईअड्डा दिसंबर 2016 में खुल जाएगा। इससे राज्य को अन्य जगहों से संपर्क स्थापित करने में बड़ी मदद मिलेगी।”

सिक्किम सरकार द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन हाट में 27 देश हिस्सा ले रहे हैं। इस हाट के जरिए पूर्वोत्तर के क्षेत्रीय पर्यटन की संभावनाओं की तरफ भी ध्यान खींचा जा रहा है। शर्मा ने कहा कि हवाईअड्डा गंगटोक से 35 किलोमीटर दूर पाकयोंग में बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगले साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिक्किम को पूरी तरह से जैविक राज्य घोषित करेंगे। इसके बाद राज्य में फसलों में केवल जैविक वस्तुओं का इस्तेमाल किया जाएगा।

शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने सिक्किम में पर्यटन के विकास के लिए 90 करोड़ रुपये जारी किए हैं। उन्होंने कहा, “सिक्किम कई मामलों में एक आदर्श पर्यटन राज्य है। इसने स्वच्छता, शांति और अतिथि सत्कार में कई लक्ष्यों को हासिल किया है। मैं राज्य को धूम्रपान मुक्त, प्लास्टिक मुक्त और आर्गेनिक बनाने के प्रयासों की सराहना करता हूं।” उन्होंने कहा कि बौद्ध परिपथ पर्यटन में राज्य के रुम्पटेक मठ को भी शामिल किया जाएगा।

सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग ने इस मौके पर कहा कि राज्य के विकास के लिए बीते 20 सालों में समग्रतावादी दृष्टिकोण पर अमल किया गया है। उन्होंने कहा, “हम प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचाए बगैर विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा जोर स्वच्छ हवा पर है और हमने राज्य को पूरी तरह जैविक बनाने में सफलता हासिल की है। हम 2016 से विद्यालयों में योग शुरू करने जा रहे हैं।”

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

Published

on

By

Loading

नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

Continue Reading

Trending