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सिसोदिया अस्पताल में भर्ती, आईएएस अधिकारी वार्ता को राजी

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का धरना सोमवार को आठवें दिन में प्रवेश कर गया, जबकि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तबीयत बिगड़ने के बाद पांचवें दिन सोमवार को उन्हें यहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

वहीं दिल्ली सरकार के साथ असहयोग का आरोप झेल रहे आईएएस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बातचीत की पेशकश की है।

आम आदमी पार्टी (आप) सूत्रों ने कहा कि सिसोदिया के कीटोन स्तर के 7.4 पर पहुंच जाने के बाद चिकित्सकों ने उन्हें अस्पताल ले जाने का फैसला किया, जिसके बाद उन्हें राजनिवास से लोक नायक जय प्रकाश नारायण अस्पताल ले जाया गया।

इससे पहले दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को तबीयत बिगड़ने के बाद रविवार रात इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह 12 जून से अनशन पर हैं।

भाजपा की सहयोगी जनता दल-यूनाइटेड और शिवसेना ने केजरीवाल के प्रति समर्थन जताया है। समाजवादी पार्टी ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ आप का समर्थन जताया है। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली में गतिरोध के लिए केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है।

आप मंगलवार से दिल्ली में कम से कम 10 लाख घरों में जाने का अभियान शुरू करने का विचार बना रही है।

दोनों मंत्रियों के भर्ती होने के बाद अब केजरीवाल और गोपाल राय ही राजनिवास यानी उपराज्यपाल अनिल बैजल के कार्यालय सह आवास पर धरने दे रहे हैं। ये चारों 11 जून से ही धरना पर हैं। इनमें से दो ने अनशन शुरू कर दिया। इनकी मांग है कि उपराज्यपाल दिल्ली प्रशासन में काम कर रहे आईएएस अधिकारियों को अघोषित हड़ताल खत्म करने का निर्देश दें।

एलएनजेपी अस्पताल के चिकित्सकों ने सोमवार को कहा कि मंत्री जैन के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है।

इस बीच मेल-मिलाप का पहला संदेश देते हुए आईएएस अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि वे राष्ट्रीय राजधानी की शासन व्यवस्था में सहयोग के मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार हैं।

एक दिन पहले केजरीवाल ने ट्वीट कर उनकी सुरक्षा और बचाव की जिम्मेदारी लेने की बात दोहराते हुए उन्हें आश्वस्त किया था।

अरुणाचल, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश की आईएएस एजीएमयूटी संघ ने ट्वीट कर कहा कि अधिकारी अपनी सुरक्षा और गरिमा के लिए ठोस हस्तक्षेप की उम्मीद करते हैं।

संघ ने ट्वीट कर कहा, अधिकारी मुख्यमंत्री की अपील का स्वागत करते हैं। हम दोहराते हैं कि हम पूरी शिद्दत और ताकत के साथ कार्य करना जारी रखेंगे। हम अपनी सुरक्षा और गरिमा के लिए ठोस हस्तक्षेप की उम्मीद करते हैं। हम इस मसले पर मुख्यमंत्री के साथ औपचारिक चर्चा के लिए तैयार हैं।

सिसोदिया ने जवाब में अस्पताल से ट्वीट कर कहा, यही कारण था कि हम पिछले कई दिनों से राजनिवास में बैठकर अनुरोध कर रहे थे कि उपराज्यपाल सभी हितधारकों को बुलाकर इस बाधा को खत्म करें।

सिसोदिया ने कहा, सेवाओं और सुरक्षा दोनों के प्रमुख उपराज्यपाल हैं। इसलिए यह बैठक उनकी मौजूदगी में होनी चाहिए, ताकि इस विषय से संबंधित आश्वासन दिए जा सकें।

केजरीवाल ने रविवार को कहा था, मैं उन्हें आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि मैं अपने उपलब्ध आदेशों के तहत अपनी सभी शक्तियों और संसाधनों के साथ उनकी सुरक्षा और बचाव सुनिश्चित करूंगा। जो अधिकारी मुझसे निजी तौर पर मिले थे, मैंने पहले भी उन्हें ऐसा आश्वासन दिया था। आज मैं इसे दोहराता हूं।

केजरीवाल के प्रदर्शन पर केरल के मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने समर्थन जताया है। इसके साथ ही माकपा, भाकपा, झामुमो, राजद और सपा के नेताओं ने भी केजरीवाल के प्रति समर्थन जताया है।

समाजवादी पार्टी नेता और सांसद राम गोपाल यादव ने कहा कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि जो सरकार दिल्ली की भलाई के लिए काम कर रही है, उसकी राह में उपराज्यपाल द्वारा रोड़ा अटकाया जा रहा है। यादव जैन और सिसोदिया से मुलाकात करने अस्पताल गए थे।

उन्होंने कहा, लोकतांत्रिक इतिहास में, यह कभी सुना नहीं गया कि आईएएस अधिकार हड़ताल पर गए। यह मेरी प्रधानमंत्री और उपराज्यपाल से अपील है कि वे लोग इस मुद्दे पर बात करें।

केजरीवाल के शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बातीचत करने के एक दिन बाद ही शिवसेना ने केजरीवाल के प्रति अपना समर्थन जताया है।

राहुल गांधी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उनके प्रदर्शन की वजह से शहर में गतिरोध उत्पन्न होने के लिए दोनों पर निशाना साधा। राहुल ने प्रधानमंत्री पर इस संकट को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने ट्वीट कर कहा, दिल्ली के मुख्यमंत्री उपराज्यपाल के कार्यालय में धरने पर बैठे हैं, भाजपा मुख्यमंत्री आवास पर धरने पर बैठी है, दिल्ली के नौकरशाह संवाददाता सम्मेलन कर रहे हैं। प्रधानमंत्री इस उथल-पुथल और अव्यवस्था का हल निकालने के बदले इस अराजकता पर अपनी आंखें मूंदे हुए हैं।

उन्होंने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, इस ड्रामा की वजह से, दिल्ली के लोग पीड़ित हैं।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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