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प्रादेशिक

सीएम शिवराज पर व्हिसल ब्लोअर को प्रलोभन देने का आरोप

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इंदौर। मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) और डेंटल, मेडिकल एडमिशन टेस्ट (डीमेट) के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे डॉ. आनंद राय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर प्रलोभन देने का आरोप लगाया है। डॉ. राय ने इस आशय का शपथ-पत्र भी हाईकोर्ट की इंदौर पीठ को दिया है। मुख्यमंत्री सचिवालय ने इस मुद्दे से फिलहाल अनभिज्ञता जाहिर की है।

डॉ. राय के अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर ने इंदौर पीठ में बुधवार को दाखिल शपथ-पत्र का हवाला देते हुए कहा, “डॉ. राय को मुख्यमंत्री चौहान ने 11 अगस्त को भोपाल स्थित अपने आवास पर बुलाया था। रात पौने दस बजे से 10 बजकर 50 मिनट तक चौहान के साथ बैठक हुई। बैठक में चौहान ने डॉ. राय से कहा कि वह व्यापमं और डीमेट की लड़ाई लड़ते रहें मगर उन्हें (शिवराज) और उनके परिवार को इससे न जोड़ें, ऐसा करते हैं तो उनका और उनकी पत्नी का तबादला निरस्त कर दिया जाएगा।”

मुख्यमंत्री सचिवालय के एक वरिष्ठ अधिकारी से संपर्क करने पर पहले तो उसने इस मुद्दे से अनभिज्ञता जाहिर की, फिर नाम न जाहिर करने की शर्त पर कहा, “डॉ. राय मुख्यमंत्री से मिलकर व्यापमं और डीमेट की जानकारी देने की बात कहते रहे हैं, हो सकता है कि इस संबंध में उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई हो।”

माथुर ने कहा, “डॉ. राय व्यापमं और डीमेट के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। व्यापमं की जांच सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को नौ जुलाई को सौंपी और उसके बाद डॉ. राय का तबादला कर दिया गया। राय ने इस तबादले को द्वेषपूर्ण कार्रवाई बताते हुए न्यायालय में याचिका दायर की, जिस पर उन्हें स्थगन मिल गया है।” सरकार की ओर से न्यायालय में तबादले को सामान्य प्रशासनिक प्रकिया बताया गया है। उल्लेखनीय है कि डॉ. राय सरकारी चिकित्सक के तौर पर इंदौर में पदस्थ रहे हैं। मगर उनका और उनकी पत्नी का धार तबादला कर दिया गया था। उनकी पत्नी उज्जैन में पदस्थ थीं।

अधिवक्ता माथुर ने कहा कि डॉ. राय इंदौर या भोपाल में रहकर सीबीआई को जांच में मदद करना चाहते हैं, वहीं धार में उनकी जान को खतरा है, इसीलिए उन्होंने धार के तबादले के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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