प्रादेशिक
सीएसआईआर-आइआइटीआर में मनाया गया राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस
लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ स्थित सीएसआईआर-भारतीय विषविज्ञान अनुसंधान संस्थान में आज 12 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया। इस अवसर पर दो विशिष्ट टेक्नोक्रेट और उद्यमियों द्वारा व्याख्यान दिए गए।
पहला व्याख्यान डॉ. वी. प्रेमनाथ, प्रमुख एनसीएल ईनोवेशन्स, सीएसआईआर-एनसीएल पुणे द्वारा “प्रयोगशाला से बाज़ार तक-कुछ सबक, अनुभव और अंतर्दृष्टि” पर दिया गया। उन्होंने बताया कि कैसे एक समस्या आधारित समाधान बाजार में लाने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से संचालित किया जा सकता है।
उन्होने हिप प्रतिस्थापन के लिए उपयोग किए जाने वाले पॉलिमर विज्ञान आधारित सामग्रियों के उदाहरण भी उद्धृत किए। दूसरा व्याख्यान सुधी राज वर्मा, परामर्शदाता साझेदार, आईकान ईनोवेशन्स और प्रौद्योगिकी, लखनऊ द्वारा “यूजिंग टेक्नालोजी इन इनोवेशन” पर दिया गया।
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उन्होने सृजन से लेकर प्रौद्योगिकी तक इनोवेशन और आखिरकार बाज़ार तक की यात्रा का वर्णन किया। इन व्याख्यानों के साथ-साथ विद्यालयों और कॉलेज के छात्रों को वैज्ञानिक / नवीन आविष्कारक / उद्यमी बनने की ओर प्रेरित करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए दो कार्यक्रम भी प्रारम्भ किए गए।
“एक दिन के लिए एक वैज्ञानिक बनो” पर एक दिवसीय कार्यशाला 18 मई को शुरू की जाएगी और दो सप्ताह के लिए मई 29, 2017 से छात्रों को इनोवेशन और सृजन के प्रति सशक्त बनाने के ईपीआईसी नामक कार्यक्रम शुरू होगा।
इन दोनों कार्यक्रमों को देश के तीन प्रमुख विज्ञान अकादमियों से समर्थन मिलेगा। सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक प्रोफेसर आलोक धावन ने कार्यक्रम के गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया।
डॉ. डी. कार चौधरी, अध्यक्ष आयोजन समिति ने वक्ताओं का परिचय दिया और डॉ. स्मृती प्रिया, कार्यक्रम के संयोजक ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। महर्षि विद्या मंदिर और डीएवी कॉलेज, कानपुर के करीब 100 छात्रों ने कार्यक्रम में भाग लिया और वक्ताओं के साथ बातचीत की।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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