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मुख्य समाचार

सीओए ने बीसीसीआई अधिकारियों से अपने खर्च पर इंग्लैंड जाने को कहा

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नई दिल्ली, 19 जून (आईएएनएस)| सर्वोच्च अदालत द्वारा गठित की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।

सीओए ने बोर्ड के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी से कहा है कि अगर उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की वार्षिक बैठक के बाद भी इंग्लैंड में रुकना है तो इसके लिए उन्हें अपनी जेब से पैसे देने होंगे।

आईसीसी की बैठक डबलिन में 28 जून से दो जुलाई के बीच होनी है।

सीओए ने कहा है कि अगर चौधरी को इंग्लैंड में तीन टी-20 मैचों की सीरीज के लिए रूकना है तो बोर्ड इसके लिए पैसा नहीं देगा उन्हें खुद अपने खर्चे पर वहां रूकना होगा।

सीओए ने बीसीसीआई अधिकारी को एक मेल भेजा है जिसमें लिखा है, प्रशासकों की समिति ने आपका मेल देखा। आपने सीओए से विदेश जाने के लिए मंजूरी नहीं ली थी। इसलिए आपको सिर्फ डबलिन में होने वाली आईसीसी की बैठक में हिस्सा लेने के लिए मंजूरी दी जाती है जो 28 जून से दो जुलाई के बीच होनी है।

उन्होंने कहा, इस बात को सुनिचित करें की आपका यातायात और होटल में रूकने का खर्च सिर्फ आईसीसी की बैठक तक की वहन किया जाएगा।

मेल में लिखा है, सीओए आपके तीन टी-20 मैचों की सीरीज के लिए इंग्लैंड में रूकना का कोई फायदा नहीं देखती है, इसलिए अगर आपकी इच्छा मैचों के लिए रूकने की है तो आपको यह बताना जरूरी है कि बीसीसीआई आपका खर्च नहीं उठाएगी।

बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जौहरी ने भी इसी तरह का मेल सीओए को लिखा है कि वह इंग्लैंड में पहले दो टी-20 मैच देखने के बाद स्वेदश लौट आएंगे।

जौहरी ने मेल में लिखा, मैं 26 जून को डबलिन जा रहा हूं और आठ जुलाई को मुंबई लौट आऊंगा। मैं इंग्लैंड और भारत के बीच होने वाले पहले दो टी-20 मैचों तक के लिए रूकूंगा।

आईसीसी की बैठक के दरमियां भारत को आयरलैंड से दो टी-20 मैचों की सीरीज खेलनी है। यह दो टी-20 मैच 27 और 29 जून को खेले जाएंगे।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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