Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

सीट बंटवारे पर लोजपा ने भाजपा पर तरेरी आंखें

Published

on

Loading

पटना, 19 दिसम्बर (आईएएनएस)| बिहार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सीट बंटवारे को लेकर उठा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। राजग से सीट बंटवारे को लेकर नाराज उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के निकल जाने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने भी सीट बंटवारे को लेकर भाजपा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। लोजपा संसदीय बोर्ड के नेता और जमुई के सांसद चिराग पासवान के एक ट्वीट के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जहां लोजपा के राजग छोड़ने की भविष्यवाणी कर रही है वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बचाव में उतर आई है।

इस बीच, लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने भी सीट बंटवारे को लेकर भाजपा को 31 दिसंबर तक का समय सीमा देकर बिहार के 40 सीटों में से सात सीटों पर दावा ठोंक दिया है।

पशुपति कुमार पारस ने यहां एक समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि लोजपा वर्ष 2014 से राजग में शमिल है। हमलोग चाहते हैं कि 2019 में भी राजग की सरकार फिर बने।

उन्होंने कहा, “हमारी मांग है जितनी सीट पर हम पिछले चुनाव में लड़े उतनी सीट हमें फिर मिले और समय से मिले। लोजपा की ताकत अब और सुदृढ़ हुई है।”

उन्होंने 31 दिसम्बर तक सीट बंटवारे की समय सीमा तय करते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो इसके बाद पार्टी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है। उन्होंने चिराग के ट्वीट पर भी सहमति जताते हुए कहा कि उन्होंने अपनी बात कही है।

इससे पहले बिहार के जमुई से सांसद चिराग पासवान ने मंगलवार रात ट्वीट कर राजग को नाजुक दौर से गुजरने की बात स्वीकार करते हुए लिखा, “तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) व राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के राजग गठबंधन से अलग जाने के बाद यह नाजुक मोड़ से गुजर रहा है। ऐसे समय में भाजपा गठबंधन में फिलहाल बचे हुए साथियों की चिंताओं को समय रहते सम्मानपूर्वक तरीके से दूर करे।”

चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारे पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए एक अन्य ट्वीट में लिखा, “गठबंधन की सीटों को लेकर कई बार भाजपा नेताओं से मुलाकात हुई लेकिन अभी तक कुछ ठोस बात आगे नहीं बढ़ पाई है। इस विषय पर समय रहते बात नहीं बनी तो इससे नुकसान भी हो सकता है।”

इस ट्वीट के बाद राजद की बांछें खिल गई हैं तथा बिहार में बयानबाजी का दौर भी प्रारंभ हो गया। राजद प्रवक्त मृत्युंजय तिवारी ने बुधवार को कहा कि राजग में शामिल घटक दल अब राजग से भाग रहे हैं।

उन्होंने कहा, “राजद पहले से ही कह रही है लोजपा अब बहुत दिन तक राजग के साथ नहीं रह सकती है। इसकी शुरुआत इस ट्वीट के जरिए समझी जा सकती है।”

इधर, भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने इस ट्वीट को ज्यादा तूल नहीं देने की बात कहते हुए कहा कि इसमें लोजपा की कहीं केंद्र या राज्य सरकार से नाराजगी की बात नहीं दिखाई दे रही है। लोकतंत्र में सभी को अपनी बात रखने का हक है। उन्होंने इस ट्वीट के जरिए अपनी बात रखी है।

इससे पहले भी चिराग ने राम मंदिर के मुद्दे पर भाजपा को नसीहत देते हुए कहा था कि राजग का एजेंडा हमेशा विकास का रहा है। लेकिन राम मंदिर, हनुमान को लेकर विवादित बयान के हावी होने पर जनता कहीं न कहीं इससे भ्रमित और निराश होती है।

 

Continue Reading

नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

Published

on

Loading

नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

Continue Reading

Trending