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प्रादेशिक

सीबीएसई से कमतर नहीं सीआईएससीई

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कोलकाता,प्रतियोगी परीक्षाओं, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड,ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट,आईसीएसई/आईएससी

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कोलकाता | प्रतियोगी परीक्षाओं की बेहतर तैयारी के लिए विद्यार्थियों द्वारा 10वीं और 12वीं में काउंसिल फॉर इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट (सीआईएससीई) के बजाय केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को तरजीह देने की अवधारणा गलत है। एक अधिकारी ने गुरुवार को यह बात कही। सीआईएससीई 12वीं के विद्यार्थियों के लिए आईएससी और और 10वीं के विद्यार्थियों के लिए आईसीएसई की परीक्षा आयोजित करता है।

सीआईएससीई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं सचिव गेरी एराथून ने यहां संवाददाताओं से कहा, “यह अवधारणा गलत है और लोगों की सोच है कि सीबीएसई विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करता है।” एराथून ने कहा, “सीबीएसई चूंकि अखिल भारतीय इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (एआईईईई) और ऑल इंडिया प्री-मेडिकल टेस्ट (एआईपीएमटी) जैसी परीक्षाएं आयोजित करवाता है, तो लोगों के बीच यह धारणा बन गई है कि आईसीएसई/आईएससी के बजाय सीबीएसई विद्यार्थियों को बेहतर तैयारी करवाता है।”

एराथून ने कहा कि दोनों राष्ट्रीय बोर्ड के पाठ्यक्रम समान हैं और प्रश्न पत्र भी लगभग एक समान ही हैं। उन्होंने कहा कि यह दूसरे राज्यों के कॉलेज और विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय बोर्ड के विद्यार्थियों के साथ किए जाने वाले भेदभाव के विरोध में है। उन्होंने कहा, “बंगाली छात्र/छात्राओं के साथ सिर्फ इसलिए पक्षपात क्यों किया जाना चाहिए कि वे आईसीएसई बोर्ड के छात्र रहे हैं? हम देखेंगे कि बंगाल में क्या स्थिति है और उसी अनुसार राज्य सरकार को सूचित करेंगे।”

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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