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प्रादेशिक

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राजस्थान के जाट हैरान

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जयपुर | सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार को जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के आरक्षण कोटे में शामिल करने के लिए पूर्व संप्रग सरकार द्वारा जारी की गई अधिसूचना को निरस्त किए जाने के फैसले पर राजस्थान के जाट नेताओं ने हैरानी जताई है। राज्य की कुल आबादी का 14-15 फीसदी हिस्सा जाट समुदाय के लोगों का है।

प्रमुख जाट नेता ज्ञानप्रकाश पिलानिया ने कहा, “मैं हैरान हूं। यद्यपि मैंने अभी फैसला नहीं पढ़ा है लेकिन जाट किसानों का पर्याय रहे हैं और मुझे लगता है कि किसान पिछड़े हैं और आरक्षण की पात्रता रखते हैं।” राजस्थान पुलिस के पूर्व महानिदेशक पिलानिया ने कहा, “मुझे लगता है कि सुप्रीम कोर्ट के सामने मामले को उचित तरीके से नहीं रखा गया।” उन्होंने कहा, “यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करे।” राजस्थान में जाटों को अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया है। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर दूदी ने जोर देकर कहा कि राजस्थान में जाट वास्तव में पिछड़े हैं।

उन्होंने कहा, “वे आरक्षण के हकदार हैं। मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूं कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए।” इसी तरह के विचार एक अन्य जाट नेता राजाराम मील ने व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह समुदाय के लिए एक बुरा दौर है।” उन्होंने कहा, “केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें हमारे पक्ष में हैं, और हमें आशा है कि समुदाय को जल्द ही ओबीसी का दर्जा मिल जाएगा।”

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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