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प्रादेशिक

सुप्रीम कोर्ट से बंगाल सरकार को राहत

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नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल के सात नगर निकायों में चुनाव पर रोक लगा दी। न्यायालय ने यह फैसला राज्य सरकार की याचिका पर दिया, जिसमें सरकार ने इन नगर निकायों को नगर निगमों में बदलने की बात कही है।

सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की दो सदस्यीय अवकाश पीठ ने मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। न्यायालय ने केंद्र सरकार, पश्चिम बंगाल निर्वाचन आयोग और जनहित याचिका दायर करने वाले प्रणय रॉय को नोटिस भी जारी किए। न्यायालय ने ये नोटिस वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की उस दलील के बाद जारी किए, जिसमें उन्होंने न्यायालय को बताया कि इन निकायों को नगर निगम में बदलने का काम 15 जून तक पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद किसी भी समय चुनाव कराए जा सकते हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के 15 मई के फैसले को सर्वोच्च न्यायलय में चुनौती दी थी। इस फैसले में उच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग को 16 जून से पहले सातों निकायों का चुनाव कराने के आदेश दिए थे। राज्य सरकार ने सातों निकायों में चुनाव कराने के लिए कुछ और समय की मांग करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग के चुनाव कार्यक्रम में तब्दीली को लेकर उच्च न्यायालय में अपील की थी।

जिन सात नगर पालिकाओं में चुनाव कराने के लिए सरकार ने उच्च न्यायालय से अवधि बढ़ाने की मांग की थी, उनमें आसनसोल नगर निगम, कुल्टी नगर पालिका, रानीगंज नगर पालिका, जमुरिया नगर पालिका, बिधाननगर नगर पालिका, राजरहाट-गोपालपुर नगर पालिका और बल्ली नगर पालिका शामिल हैं। इससे पहले उच्च न्यायालय ने अप्रैल में राज्य निर्वाचन आयोग को दो माह के भीतर इन नगर निकायों में चुनाव कराने के आदेश दिए थे।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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