बिजनेस
सुब्रह्मण्यम बाहरी व्यक्ति, उनकी सलाह मूल्यवान : जेटली
नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)| मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रह्मण्यम सरकार के बाहर के व्यक्ति हैं, लेकिन आर्थिक मामलों में उनकी सलाह का सरकार के लिए विशेष महत्व की है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय के लिए अर्थशास्त्र के ऑनलाइन पाठ्यक्रम के लांच के मौके पर कहा, सीईए बाहरी शख्स हैं, लेकिन मंत्रालय में उनकी राय का विशेष महत्व है। वह अपनी स्वतंत्रता हमेशा बनाए रखेंगे।
जेटली ने कहा, सरकार की सोच का अनुसरण करने के बजाए उनका काम सरकार को सलाह देना है, कि सरकार की वास्तविक स्थिति क्या है, और उसके अनुसार भविष्य के लिए खाका भी तैयार करना उनका काम है।
सुब्रह्मण्यम सीईए पद पर नियुक्त होने से पहले अमेरिका में पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स में सीनियर फेलो के तौर पर कार्यरत थे। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में भी काम किया है।
जेटली ने गरीबी रेखा से नीचे रह रहे लोगों के लिए सार्वभौमिक बुनियादी आय (यूबीआई) योजना हेतु सीईए के प्रस्ताव का हवाला देते हुए कहा कि सुब्रह्मण्यम ने आर्थिक सर्वेक्षण के लिए सीईए की पारंपरिक भूमिका को छोड़ दिया है।
सुब्रह्मण्यम ने पिछले महीने कहा था कि वह स्वयं को उस श्रेणी में देखते हैं, जिसे ‘इनसाइडर-आउटसाइडर’ कहते हैं। इस तरह के लोग अलिखित नियम के तहत काम करते हैं।
उन्होंने कहा, अलिखित नियम यह है कि अंदरखाने आप जितना संभव हो सके उतना बहस को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं, लेकिन बाहर आप सरकार की नीतियों का बचाव करते हैं।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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