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खेल-कूद

सेंट लूसिया टेस्ट : भारत के 353 रन, वेस्टइंडीज की अच्छी शुरुआत

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सेंट सेंट लूसिया| वेस्टइंडीज ने डारेन सैमी स्टेडियम में जारी तीसरे टेस्ट मैच में भारत को 353 रनों पर आउट करने के बाद दूसरे दिन बुधवार का खेल खत्म होने तक अपनी पहली पारी में एक विकेट के नुकसान पर 107 रन बना लिए हैं। मेजबान टीम ने 47 ओवरों का सामना किया है। क्रेग ब्राथवेट 53 और डारेन सैमी 18 रनों पर नाबाद लौटे। वेस्टइंडीज ने लियोन जॉनसन का विकेट गंवाया है, जो 23 रन बनाने के बाद लोकेश राहुल द्वारा रन आउट किए गए।

जानसन ने 75 गेंदों पर दो चौके लगाए और ब्राथवेट के साथ पहले विकेट के लिए 59 रनों की साझेदारी की। उनके आउट होने के बाद ब्राथवेट तथा ब्रावो 48 रन जोड़ चुके हैं। ब्राथवेट ने 143 गेंदो का सामना कर छह चौके लगाए हैं जबकि ब्रावो ने 66 गेंदों पर दो बार गेंद को सीमा रेखा के बाहर पहुंचाया है।

मेजबान पहली पारी की तुलना में अभी भी 246 रन से पीछे हैं लेकिन अच्छी शुरुआत से उन्हें निश्चित तौर पर बल मिला है। इससे पहले, भारत ने रविचन्द्रन अश्विन (118) और रिद्धिमान साहा (104) के शानदार शतकों की बदौलत अपनी पहली पारी में 353 रन बनाए।

भारत के अंतिम तीन विकेट 353 के स्कोर पर ही गिरे। अश्विन का यह टेस्ट करियर का चौथा शतक था जबकि साहा ने अपने टेस्ट करियर का पहला टेस्ट शतक जड़ा। दोनो ने छठे विकेट के लिए 213 रनों की जुझारू साझेदारी की। इसी साझेदारी की बदौलत भारत 350 के स्कोर के पार पहुंच सका।

अश्विन ने अपनी पारी में 297 गेंदों का सामना करते हुए छह चौके और एक छक्का लगाया। वहीं साहा ने अपनी पारी में 227 गेंदें खेलीं और 13 चौके लगाए। भारत ने पहले दिन 126 रनों पर ही अपने पांच विकेट गंवा दिए थे। लेकिन इसके बाद अश्विन ने साहा के साथ मिलकर भारत को संभाल लिया और मेजबानों को विकेट से महरूम भी रखा।

दोनों भारतीय बल्लेबाजों ने दिन की अच्छी शुरुआत की और वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को विकेट लेने का एक भी मौका नहीं दिया। अश्विन किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं थे। उनकी बल्लेबाजी को देखकर लग रहा था कि उनका ध्यान विकेट पर जमे रहने पर है।

वहीं साहा ने अश्विन की अपेक्षा तेजी से रन जोड़े। वह पहले दिन 46 रनों पर नाबाद लौटे थे। दूसरे दिन के पांचवें ओवर में उन्होंने अपने टेस्ट करियर का तीसरा अर्धशतक पूरा किया। अश्विन ने जहां एक-एक रन लेकर अपना खाता चालू रखा वहीं साहा ने कुछ अच्छे शॉट खेले और कई बार गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचाया।

भोजनकाल तक दोनों ने एक भी विकेट नहीं गिरने दिया। भोजनकाल के बाद अश्विन ने छक्का जड़ अपना शतक पूरा किया। कुछ देर बाद साहा ने भी अपना सैकड़ा पूरा किया।

अल्जारी जोसेफ ने साहा को 339 के कुल स्कोर पर आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। साहा के जाने के बाद रवींद्र जडेजा (6) 351 के कुल स्कोर पर पवेलियन लौट गए। कुल स्कोर में दो रन और जोड़कर अश्विन भी आउट हो गए।

उनके जाने के बाद भारतीय टीम के खाते में एक भी रन नहीं जुड़ा और पूरी भारतीय टीम 353 के स्कोर पर पवेलियन लौट गई। मेजबानों की तरफ से जोसेफ और मिगुएल कमिंस ने तीन-तीन विकेट लिए। रोस्टन चेस और शेनन गाब्रिएल ने दो-दो विकेट अपने नाम किए।

खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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