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नेशनल

सेंट स्टीफंस के प्रोफेसर पर यौन शोषण का आरोप

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नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज की एक छात्रा ने कॉलेज के ही केमिस्ट्री के शिक्षक पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। पीड़िता आरोपी की देखरेख में पीएचडी कर रही थी। इस बाबत पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। छात्रा द्वारा यौन प्रताड़ना का मामला दर्ज कराने के बाद पुलिस ने कॉलेज प्रशासन और आंतरिक जांच समिति से इस मामले में पूछताछ की।

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि पुलिस दल शनिवार सुबह कॉलेज प्रशासन के पास गया और इस मामले में पूछताछ की, क्योंकि पीड़िता पहले ही फरवरी में कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के समक्ष शिकायत दर्ज करा चुकी थी। पुलिस अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि कॉलेज के केमिस्ट्री के शिक्षक और कोषाध्यक्ष सतीश कुमार के खिलाफ इस मामले से, कॉलेज की प्रतिष्ठा ध्यान में रखते हुए, बड़ी सावधानी से निपटा जा रहा है। अधिकारी ने कहा, “हमें आईसीसी सदस्यों से सूचना प्राप्त हुई है। हमने कॉलेज के प्रधानाचार्य वाल्सन थिंपू और कोषाध्यक्ष से उनके रुख को जानने के लिए संपर्क किया।” प्राथमिकी में शिकायतकर्ता ने कहा है कि कुमार ने अक्टूबर 2013 में प्रयोगशाला के भीतर उसका यौन उत्पीड़न किया। दर्ज शिकायत के मुताबिक, जब पीड़िता उसके चंगुल से छूटकर भागने में सफल रही तो कुमार ने कॉलेज के पास मेट्रो स्टेशन तक उसका पीछा किया। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि उसका पहली बार मई 2013 में उसी प्रयोगशाला में उत्पीड़न किया गया था। पीड़िता का कहना है कि उसके बार-बार मना करने के बाद यह सिलसिला चलता रहा। सतीश ने उसके शोध में उसका मार्गदर्शन करना रोक दिया और वह उसके सोशल मीडिया खातों पर नजर रखने लगे थे।

पीड़िता के आरोपों के आधार पर पुलिस ने पीछा करने और यौन प्रताड़ना सहित विभिन्न धाराओं में एक मामला दर्ज कर लिया। शिकायतकर्ता छात्रा ने आरोपी का पक्ष लेने के लिए प्रधानाचार्य थिंपू पर भी आरोप लगाए हैं। छात्रा का आरोप है कि प्रिंसिपल ने उसके परिवार को मामला आगे न बढ़ाने पर समुचित लाभ देने का लालच दिया और स्टाइपेंड रोक दिया। छात्रा ने यह भी कहा है कि उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया।

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नेशनल

साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट खाते से उड़ाए 10 करोड़ रुपये, दिल्ली के रोहिणी इलाके का मामला

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नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी इलाके में 70 साल के रिटायर्ड इंजीनियर से साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 10 करोड़ और 30 लाख रुपये अपने अकाउंट्स में ट्रांसफर करा लिए। बुजुर्ग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और 60 लाख रुपये की रकम को बैंक में फ्रीज करा दिया है।

पुलिस ने क्या बताया?

पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर के 10 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित रिटायर्ड इंजीनियर अपनी पत्नी के साथ में रोहिणी के सेक्टर 10 इलाके में रहते हैं। पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर की शिकायत के आधार पर साइबर सेल में प्राथमिकी दर्ज कर लिया है।

60 लाख रुपये फ्रीज

दिल्ली पुलिस ने बताया है कि रोहिणी में हुए डिजिटल अरेस्ट यानी धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराने-धमकाने के मामले में उन्हें 60 लाख रुपये फ्रीज करने में कामयाबी मिली है। एक पुलिस अधिकारी ने आशंका जताई है कि ये ठगी विदेश से कॉल करने वालों की ओर से अंजाम दी गई थी। लेकिन भारत में ठगों के सहयोगियों ने उन्हें लक्ष्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद की है।

क्या है मामला ?

आरोप है कि ठगों ने बुजुर्ग को धमकाया और कहा कि तुम्हारे नाम पर ताइवान से एक पार्सल आया है, जिसके अंदर कई तरह की प्रतिबंधित किस्म की दवाइयां मिली है। इस वजह से तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा और तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा। यह बात सुनकर बुजुर्ग घबरा गए।

आरोप है कि इसके बाद साइबर ठगों ने बुजुर्ग से कहा कि अगर तुम गिरफ्तारी से बचना चाहते हो तो सबसे पहले खुद को एक कमरे में बंद कर लो और अपने मोबाइल और लैपटॉप का कैमरा ऑन कर कर लो और जब तक तुम कैमरे के सामने रहोगे, तब तक तुम्हें गिरफ्तारी से बचाने की कोशिश की जाएगी। वरना, तुम्हारे परिवार के लोगों को भी अरेस्ट कर लिया जाएगा। बुजुर्ग ने साइबर ठगों की बात मान ली और वह करीब आठ घंटे तक कमरे में ही बैठे रहे।

 

 

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