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बिजनेस

सेंसेक्स-निफ्टी में करीब 1.5 फीसदी गिरावट

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मुंबई। देश के शेयर बाजारों के प्रमुख सूचकांकों में इस सप्ताह गिरावट का रुख रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में डेढ़ फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई। निफ्टी 8,000 अंकों के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे बंद हुआ। सेंसेक्स-निफ्टी पांच सप्ताह से अधिक के निचले स्तरों पर बंद हुए। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स में इस सप्ताह 391.59 अंकों यानी 1.47 फीसदी की गिरावट रही। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी में 111.50 अंकों यानी 1.38 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई, जो एक अक्टूबर 2015 से अब तक का सबसे निचला स्तर है।

बीएसई मिडकैप सूचकांक में 147.97 अंकों यानी 1.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,826.63 पर बंद हुआ। बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 263.06 अंकों यानी 2.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 11,052.93 पर बंद हुआ। बीते छह नवंबर को समाप्त सप्ताह में सेंसेक्स के 30 में से 18 शेयरों में गिरावट रही, जबकि बाकी में तेजी दर्ज हुई।

घरेलू बाजार में शुक्रवार को सेंसेक्स 38.96 अंकों यानी 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 26,265.24 पर बंद हुआ जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों का संवेदी सूचकांक निफ्टी 1.15 अंकों यानी 0.01 प्रतिशत की मामूली कमजोरी के साथ 7,954.30 पर सपाट रहा। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी पिछले पांच से अधिक सप्ताह के अपने सबसे निचले स्तरों पर बंद हुए।

इस दौरान धातु एवं खनन क्षेत्र के शेयरों में गिरावट रही। 2015 की दूसरी तिमाही में एसबीआई के बेहतरीन तिमाही नतीजों से बैंक के शेयरों में मजबूती रही। संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन (यूएसएफडीए) द्वारा डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज के तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश की एक्टिव फार्माक्यूटिकल इंग्रीडेंट्स (एपीआई) उत्पादन इकाइयों को चेतावनी पत्र दिए जाने की वजह से कंपनी के शेयरों में गिरावट रही।

पिछले सप्ताह बाजार में नकारात्मक रुझान रहा। बीएसई के 1,627 शेयरों में मजबूती जबकि 1,034 शेयरों में तेजी रही। वहीं, 149 शेयरों के भाव में कोई फेरबदल नहीं हुआ। इस सप्ताह बीएसई में कुल 2,498 करोड़ रुपये का कारोबार हुआ, जो पिछले कारोबारी सत्र में 3,704.18 करोड़ रुपये की तुलना में कम है।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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