बिजनेस
सेंसेक्स, निफ्टी में 1 फीसदी से कम तेजी
मुंबई | देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में एक फीसदी से कम तेजी दर्ज की गई। बाजार शुक्रवार को होली के अवसर पर बंद रहा। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 0.30 फीसदी या 87.45 अंकों की तेजी के साथ गुरुवार को 29,448.95 पर बंद हुआ।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.40 फीसदी या 35.90 अंकों की तेजी के साथ 8,937.75 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 13 शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। सन फार्मा (17.99 फीसदी), सिप्ला (10.26 फीसदी), एक्सिस बैंक (8.72 फीसदी), हिंदुस्तान यूनिलीवर (5.89 फीसदी) और डॉ. रेड्डीज लैब (5.03 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। सेंसेक्स में गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे आईटीसी (12.15 फीसदी), कोल इंडिया (7.97 फीसदी), हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (4.70 फीसदी), महिंद्रा एंड महिंद्रा (3.90 फीसदी) और सेसा स्टरलाईट (3.20 फीसदी)। गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में सेंसेक्स और निफ्टी के मुकाबले अधिक तेजी रही। मिडकैप 2.17 फीसदी या 234.23 अंकों की तेजी के साथ 11,045.08 पर और स्मॉलकैप 1.69 फीसदी या 190.41 अंकों की तेजी के साथ 11,456.85 पर बंद हुआ।
गत सप्ताह बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने सबको हैरत में डालते हुए मुख्य नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर दी। इस कटौती के बाद रेपो दर 7.75 फीसदी से घटकर 7.50 फीसदी हो गया और रिवर्स रेपो दर 6.75 फीसदी से घटकर 6.50 फीसदी हो गया। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़े के मुताबिक देश के आठ प्रमुख उद्योगों की विकास दर जनवरी 2015 में 1.8 फीसदी रही, जो दिसंबर 2014 में 2.4 फीसदी थी। वैश्विक आर्थिक मोर्चे पर चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने संसद में सालाना काम-काज की रिपोर्ट पेश करते हुए 2015 के लिए विकास दर का लक्ष्य सात फीसदी निश्चित किया, जो 2014 में 7.5 फीसदी था।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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