Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 2 फीसदी गिरावट

Published

on

bse, सेंसेक्स, शेयर बाजार, बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

Loading

मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह करीब दो फीसदी गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.88 फीसदी यानी 490.09 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 25,638.11 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.02 फीसदी यानी 160.8 अंकों की गिरावट के साथ 7,781.90 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से सात में तेजी रही। टाटा स्टील (3.89 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (3.09 फीसदी), सन फार्मा (2.18 फीसदी), हिंडाल्को (2.06 फीसदी) और मारुति सुजुकी (0.54 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (5.97 फीसदी), एचडीएफसी (4.73 फीसदी), टाटा मोटर्स (4.23 फीसदी), भेल (4.15 फीसदी) और भारतीय स्टेट बैंक (3.45 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों का मिला जुला रुख रहा। मिडकैप 0.45 फीसदी या 49.46 अंकों की गिरावट के साथ 10,935.11 पर और स्मॉलकैप 0.10 फीसदी या 11.68 अंकों की तेजी के साथ 11,557.52 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह जारी नवंबर का निक्के ई सर्विस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स गिरावट के साथ 50.1 पर दर्ज किया गया, जो अक्टूबर में 53.2 पर था। 50 से नीचे की रीडिंग का मतलब संबंधित क्षेत्र में संकुचन और अधिक का मतलब विस्तार होता है।

सोमवार 30 नवंबर को जारी आंकड़े के मुताबिक मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में देश की विकास दर 7.4 फीसदी दर्ज की गई, जो प्रथम तिमाही में सात फीसदी और एक साल पहले दूसरी तिमाही में 8.4 फीसदी थी।

गत सप्ताह जारी नवंबर का निक्के ई इंडिया विनिर्माण पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स गिरावट के साथ 50.3 पर दर्ज किया गया। यह गत 25 महीने का निचला स्तर है।

मंगलवार एक दिसंबर को जारी मौद्रिक नीति समीक्षा घोषणा में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा। बैंक ने नकद आरक्षी अनुपात को भी चार फीसदी पर जस का तस छोड़ दिया।

यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने गुरुवार को जारी मौद्रिक समीक्षा घोषणा में कहा प्रति महीने 63.5 अरब डॉलर मूल्य के बांड खरीद कार्यक्रम की अवधि को आगे बढ़ाकर मार्च 2017 तक किया जाता है। बैंक ने साथ ही जमा दर को 10 आधार अंक और घटाकर नकारात्मक 0.3 फीसदी कर दिया।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending