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बिजनेस

सेंसेक्स, निफ्टी में 2 फीसदी गिरावट

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मुंबई| देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह करीब दो फीसदी गिरावट रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 1.88 फीसदी यानी 490.09 अंकों की गिरावट के साथ शुक्रवार को 25,638.11 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 2.02 फीसदी यानी 160.8 अंकों की गिरावट के साथ 7,781.90 पर बंद हुआ।

पिछले सप्ताह सेंसेक्स के 30 शेयरों में से सात में तेजी रही। टाटा स्टील (3.89 फीसदी), डॉ. रेड्डीज लैब (3.09 फीसदी), सन फार्मा (2.18 फीसदी), हिंडाल्को (2.06 फीसदी) और मारुति सुजुकी (0.54 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारती एयरटेल (5.97 फीसदी), एचडीएफसी (4.73 फीसदी), टाटा मोटर्स (4.23 फीसदी), भेल (4.15 फीसदी) और भारतीय स्टेट बैंक (3.45 फीसदी)।

गत सप्ताह मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों का मिला जुला रुख रहा। मिडकैप 0.45 फीसदी या 49.46 अंकों की गिरावट के साथ 10,935.11 पर और स्मॉलकैप 0.10 फीसदी या 11.68 अंकों की तेजी के साथ 11,557.52 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह जारी नवंबर का निक्के ई सर्विस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स गिरावट के साथ 50.1 पर दर्ज किया गया, जो अक्टूबर में 53.2 पर था। 50 से नीचे की रीडिंग का मतलब संबंधित क्षेत्र में संकुचन और अधिक का मतलब विस्तार होता है।

सोमवार 30 नवंबर को जारी आंकड़े के मुताबिक मौजूदा कारोबारी साल की दूसरी तिमाही में देश की विकास दर 7.4 फीसदी दर्ज की गई, जो प्रथम तिमाही में सात फीसदी और एक साल पहले दूसरी तिमाही में 8.4 फीसदी थी।

गत सप्ताह जारी नवंबर का निक्के ई इंडिया विनिर्माण पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स गिरावट के साथ 50.3 पर दर्ज किया गया। यह गत 25 महीने का निचला स्तर है।

मंगलवार एक दिसंबर को जारी मौद्रिक नीति समीक्षा घोषणा में भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 6.75 फीसदी पर बरकरार रखा। बैंक ने नकद आरक्षी अनुपात को भी चार फीसदी पर जस का तस छोड़ दिया।

यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने गुरुवार को जारी मौद्रिक समीक्षा घोषणा में कहा प्रति महीने 63.5 अरब डॉलर मूल्य के बांड खरीद कार्यक्रम की अवधि को आगे बढ़ाकर मार्च 2017 तक किया जाता है। बैंक ने साथ ही जमा दर को 10 आधार अंक और घटाकर नकारात्मक 0.3 फीसदी कर दिया।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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