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अन्तर्राष्ट्रीय

‘सैन्य कटौती की चीन की घोषणा शांति की इच्छा का संकेत’

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रियो डी जेनेरियो। ब्राजील के विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा सैनिकों की संख्या में कटौती करने की घोषणा यह दर्शाती है कि चीन शांति के लिए प्रयासरत है। ब्राजीलियन इंस्टीट्यूट फॉर चाइना एंड एशिया-पैसेफिक स्टडीज के संस्थापक कार्लोस टवारेस ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के इस निर्णय की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, “सैनिकों की संख्या में 3 लाख तक की कटौती की चीन की घोषणा पूरे विश्व के लिए शांति का ऐलान है और फिर 3 लाख लोगों को रोजगार के क्षेत्र में वापस ले आने के उसके संकल्प से जाहिर होता है कि चीन की अर्थव्यवस्था प्रगति के पथ पर है।” टवारेस ने कहा, “द्वितीय विश्व युद्ध के अंत एवं जापानी आक्रमण के खिलाफ चीन की जीत की याद में विजय दिवस परेड समारोह के दौरान की गई घोषणा यह दर्शाती है कि चीन युद्ध का विरोधी है और वह किसी दूसरे राष्ट्र पर अतिक्रमण नहीं करेगा।”

टवारेस के विचारों का ब्राजीलियन थिंक टैंक ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) पॉलिसी सेंटर के एक शोधकर्ता पाउलो व्रोबेल ने भी समर्थन किया। व्रोबेल ने कहा, “यह घोषणा बिल्कुल सही वक्त पर की गई, जब चीन ने एक तरफ सैन्य परेड के माध्यम से दुनिया के समक्ष अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया। इसके जरिये उसने दुनिया को दिखा दिया कि अपने देश की सुरक्षा और विश्व शांति की रक्षा के लिए उनके पास पर्याप्त ताकत है।” व्रोबेल ने कहा, “इसी सैन्य परेड के दौरान सैनिकों की संख्या में कटौती का ऐलान यह दर्शाता है कि चीन शांति चाहता है और विश्व शांति की स्थापना में योगदान देना चाहता है।”

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अन्तर्राष्ट्रीय

नाइजीरिया में पीएम मोदी का भव्य स्वागत, लोगों ने लगाए ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में रविवार सुबह नाइजीरिया पहुंचे। नाइजीरिया की राजधानी अबुजा में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अबुजा हवाई अड्डे पर बड़ी तादाद में भारतीय समुदाय के लोग पीएम मोदी का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे। लोगों ने इस मौके पर ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारा लगाए।

बता दें कि 17 सालों में इस पश्चिमी अफ्रीकी देश में यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। पीएम मोदी के अबुजा पहुंचने पर संघीय राजधानी क्षेत्र के मंत्री न्येसोम एजेनवो वाइक ने उनका जोरदार स्वागत किया। साथ ही प्रतीकात्मक रूप से अबुजा के शहर की चाभी भेंट की।

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्रपति टीनूबू के उस पोस्ट का जवाब दिया जिसमें लिखा था, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नाइजीरिया की पहली यात्रा पर उनका स्वागत करने के लिए उत्सुक हूं, जो 2007 के बाद से किसी भारतीय प्रधान मंत्री की हमारे प्रिय देश की पहली यात्रा भी है। हमारी द्विपक्षीय चर्चाओं में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी का विस्तार करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। पीएम मोदी नाइजीरिया में आपका स्वागत है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा करते हुए पोस्ट में लिखा, ‘धन्यवाद, राष्ट्रपति टीनूबू। कुछ समय पहले नाइजीरिया में लैंड किया। गर्मजोशी से स्वागत के लिए आभारी हूं। यह यात्रा हमारे देशों के बीच द्विपक्षीय मित्रता को और गहरा करेगी।’

रक्षा क्षेत्र में भारत के साथ व्यापार करना चाहता है नाइजीरिया

पीएम मोदी के इस यात्रा के दौरान के भारत और नाइजीरिया के बीच स्थापित रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने की कोशिश की जाएगी। रक्षा क्षेत्र को लेकर भी दोनों देशों के बीच विस्तृत चर्चा होने की उम्मीद है। नाइजीरिया छोटे हथियारों, गोला-बारूद और बख्तरबंद वाहनों जैसे क्षेत्रों में साझेदारी के लिए भारत की तरफ काफी उत्सुक है।

आर्थिक दृष्टिकोण से सबसे संपन्न अफ्रीकी देशों में से एक नाइजीरिया और भारत के मधुर रिश्तों में आने वाले दिनों में गर्माहट और तेज होने के आसार है। खासतौर पर दोनों देशों के बीच आर्थिक व सैन्य सहयोग के नए युग की शुरुआत होने के संकेत है।

इन देशों की यात्रा पर रहेंगे पीएम मोदी

बता दें कि पीएम मोदी की पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्र की यह पहली यात्रा है। इसके अलावा वह ब्राजील और गुयाना की यात्रा पर रहेंगे। नाइजीरिया के बाद प्रधानमंत्री ब्राजील के लिए रवाना होंगे। दरअसल, पीएम मोदी ब्राजील में ट्रोइका सदस्य के तौर पर 19वें जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। फिर पीएम मोदी 18 और 19 नवंबर को रियो डी जेनेरियो में होने वाले शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ भाग लेंगे। बताते चलें कि ब्राजील और दक्षित अफ्रीका के साथ भारत भी जी20 ट्रोइका का हिस्सा है।

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