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बिजनेस

सॉफ्टवेयर बाजार का 10 फीसदी विस्तार : आईडीसी

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नई दिल्ली,भारतीय सॉफ्टवेयर बाजार,आईडीसी,सिस्टम इंफ्रास्ट्रक्च र सॉफ्टवेयर

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नई दिल्ली | भारतीय सॉफ्टवेयर बाजार की विकास दर वर्ष 2014 की दूसरी छमाही में साल-दर-साल के आधार पर 10 फीसद रही। आईडीसी ने गुरुवार को कहा, “भारतीय सॉफ्टवेयर बाजार की विकास दर साल-दर-साल आधार पर 10 फीसदी बरकरार रही। 2016 में और उसके बाद हालांकि बाजार में और गति आने की उम्मीद है, क्योंकि कुछ सौदों का कार्यान्वयन शुरू हो जाएगा।”

उसने कहा कि इस स्थिर विकास का एक कारण यह भी है कि इस दौरान सैप, माइक्रोसॉफ्ट, ऑरेकल जैसी कंपनियों की विकास दर दहाई अंकों में रही। आईडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र में सरकार और विनिर्माण तथा रिटेल कंपनियां और अधिक निवेश करेंगी। भारतीय आईटी सॉफ्टवेयर बाजार को तीन प्रमुख क्षेत्रों में विभक्त किया जाता है, जिसमें शामिल हैं एप्लीकेशन डेवलपमेंट डिप्लॉयमेंट (एडीएंडडी), एप्लीकेशन और सिस्टम इंफ्रास्ट्रक्च र सॉफ्टवेयर (एसआईएस)। आलोच्य अवधि में एडीएंडडी बाजार की विकास दर 9.5 फीसदी, एप्लीकेशन बाजार की विकास दर 10.8 फीसदी और एसआईएस बाजार की विकास दर 8.5 फीसदी रही।

इस दौरान एप्लीकेशन प्लेटफॉर्म, कंटेंट, ऑपरेशन एवं विनिर्माण एप्लीकेशन, इंटीग्रेशन एवं ऑर्केस्ट्रेशन मिड्लवेयर जैसे क्षेत्रों में भी बेहतर विकास दर रही। आईडीसी इंडिया ने कहा कि बाजार में हुए कुल विकास में 60 फीसदी योगदान माइक्रोसॉफ्ट, ऑरेकल, सैप, आईबीएम और सिनोप्सिस का रहा। रिपोर्ट के मुताबिक, अगले पांच साल में सॉफ्टवेयर बाजार 10.6 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर से विकास करेगा।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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