अन्तर्राष्ट्रीय
सोचि में सीरियाई वार्ता में शामिल होगा संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधि
संयुक्त राष्ट्र, 28 जनवरी (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सोचि में रूस की मध्यस्थता वाली अंतर सीरियाई वार्ता में शिरकत करने के लिए अपने एक प्रतिनिधि को भेजने का फैसला किया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक के हवाले से बताया कि गुटेरेस ने सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत स्टाफन डी मिस्तुरा को चुना है, जो सोचि के ब्लैक सी रिजॉर्ट में सोमवार और मंगलवार को होने वाली सीरियाई राष्ट्रीय वार्ता में हिस्सा लेंगे।
इस संबंध में अदीस अबाबा में जारी बयान के मुताबिक, गुटेरेस ने मिस्तुरा से मिली जानकारी और रूस के बयान को ध्यान में रखते हुए फैसला किया है। रूस ने बयान में कहा था कि सोचि वार्ता के नतीजों को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान के तहत अंतर सीरियाई वार्ता प्रक्रिया के योगदान के रूप में लाया जाना चाहिए।
डुजारिक ने कहा, महासचिव को विश्वास है कि जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान के तहत अंतर सीरियाई वार्ता प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने के लिए सोचि वार्ता का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा।
मिस्तुरा ने जिनेवा प्रक्रिया के तहत अंतर सीरियाई वार्ता का विशेष दौर हाल ही में समाप्त ही किया है। यह वार्ता आस्ट्रिया के वियना में हुई थी।
मिस्तुरा ने शुक्रवार को सीरिया संकट के शांतिपूर्ण समाधान के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का आह्वान किया।
गुटेरेस अफ्रीकी संघ सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अदीस अबाबा में हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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