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प्रादेशिक

सोनिया-राहुल के खिलाफ भाजपा सांसद का बेजा बयान, कांग्रेस में उबाल

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पटना। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और बक्सर से सांसद अश्विनी चौबे की विवादास्पद टिप्पणी का मामला बिहार में तूल पकड़ने लगा है। बक्सर में युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जहां सांसद का घेराव किया, वहीं कांग्रेस के एक नेता ने दरभंगा की एक अदालत में चौबे के खिलाफ परिवाद दायर किया है। सांसद चौबे बक्सर के जिस होटल में ठहरे हुए हैं, वहां शनिवार को युवक कांग्रेस के कार्यकर्ता आ धमके और जमकर नारेबाजी की। उन्होंने चौबे का घेराव किया। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कहा कि सांसद अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगें।

बक्सर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने होटल के बाहर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर शांत कराया। इधर, दरभंगा के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में कांग्रेस नेता राम नारायण झा ने एक परिवाद पत्र दाखिल किया, जिसमें कहा गया है कि भाजपा सांसद चौबे द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को ‘पूतना’ और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को ‘विदेशी तोता’ कहे जाने से करोड़ों लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। चौबे का यह बयान विद्वेष फैलाने वाला है। सांसद चौबे के खिलाफ परिवाद पर अगली सुनवाई 30 जून को होगी।

चौबे ने नवादा के रजौली में गुरुवार शाम पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी को तीन उपाधियों- ‘इटली की गुड़िया’, ‘जहर की पुड़िया’ और ‘पूतना’ से नवाजा था। वहीं, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उन्होंने ‘विदेशी तोता’ कहा था। इसी क्रम में उन्होंने लालू प्रसाद और नीतीश को ‘रंगा-बिल्ला’ बताते हुए कहा कि ये दोनों भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए एक हुए हैं। हालांकि यह बात जगजाहिर है, लालू खुद कहते रहे हैं कि भाजपा को रोकने के लिए उन्हें जहर भी पीना पड़े, तो वह इसके लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि शुक्रवार को सांसद के पटना स्थित आवास पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने टमाटर और अंडे फेंककर विरोध जताया था।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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