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सोशल मीडिया पर सबको रुला रही हैं इस मजदूर की कविताएं, ये है वजह

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कहते है, ‘एक बेहतरीन लेखक वही हैं जो दिमाग से नहीं दिल से लिखता हो। ’ जरुरी नहीं की किसी की किताबें या किसी का नाम बाजारों की गलियों में खूब चल रहा हो तो वो ही असल लेखक है। बल्कि हर वो शख्स जिसकी जज्बातों से लेकर शब्दों तक पकड़ मजबूत हो वो सभी एक बेहतरीन लेखक की लिस्ट में खुद-बा-खुद शुमार हो जाते है।

इन्हीं कड़ियों में शुमार होने वाले ये शख्स हैं जो कि पेशे से तो एक मजदूर है लेकिन दिल से एक लेखक नाम है सबीर हका।

सबीर हका एक इरानी शायर है। कवि सबीर के बारे में कहा जाता है कि लेखन से वो इतने पैसे नहीं कमा पाते कि पेट भर सकें इसलिए वो मज़दूरी भी करते हैं। सबीर के लेखन को ईरान की श्रमिक कविता स्‍पर्धा में प्रथम पुरस्‍कार भी दिया जा चुका है, पर यदि पुरस्कारों से ही पेट भरता, तो सबीर को ईंट-रोड़ा नहीं ढोना पड़ता।

एक इंटरव्यू में सबीर ने अपने शब्दों को कुछ यूँ बयां किया-

”मैं थका हुआ हूं. बेहद थका हुआ.
मैं पैदा होने से पहले से ही थका हुआ हूं.
मेरी ‘मां’ मुझे अपने गर्भ में पालते हुए मज़दूरी करती थी,
मैं तब से ही एक मज़दूर हूं.
मैं अपनी ‘मां’ की थकान महसूस कर सकता हूं.
उसकी थकान अब भी मेरे जिस्‍म में है.”

सबीर ने ज़्यादा नहीं लिखा, पर जितना भी लिखा वो ऐसा था कि आंतरिक मन पर प्रहार करने के साथ ही सोचने को मजबूर कर देने वाला है। इस बारे में साबिर कहते हैं कि ‘उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वो सोने का कोई स्थाई ठिकाना बना सके। उनकी कई रातें सड़क पर भटकते हुए गुज़रती हैं। इस वजह से उन्‍हें इतना वक़्त नहीं मिलता कि वो अपना कोई उपन्‍यास पूरा कर सकें। ‘

ये कविताएं मूल रूप से पारसी में छपी है, पर गीत चतुर्वेदी के कारण हिंदी में भी उपलब्ध है।  गीत चतुर्वेदी ख़ुद भी एक जाने-माने हिन्दू लेखक हैं और मौजूदा साहित्य जगत में अपने लेखन द्वारा दख़लन्दाज़ी करते रहते हैं। इन कविताओं का अनुवाद करते वक़्त गीत ने इस बात का ख़ास ख़्याल रखा है कि कविताओं के मूल भाव को बचाया जा सके।

आइये पढ़ाते है सबीर की अन्य कविताएं जो लोगों के दिलोंदिमाग तक को झकझोर के रख देती है।

आज जब एक बार फिर सबीर के बारे में सोशल मीडिया में चर्चा होने लगी है, तो हम भी उनकी कुछ कविताओं का संकलन आपके लिए ले कर आये हैं।

दोस्‍ती

मैं ‘ईश्‍वर’ का दोस्‍त नहीं हूं
इसका सिर्फ़ एक ही कारण है
जिसकी जड़ें बहुत पुराने अतीत में हैं
जब छह लोगों का हमारा परिवार
एक तंग कमरे में रहता था
और (ईश्‍वर) के पास बहुत बड़ा मकान था
जिसमें वह अकेले ही रहता था

बंदूक़

अगर उन्‍होंने बंदूक़ का आविष्‍कार न किया होता,
तो कितने लोग, दूर से ही,
मारे जाने से बच जाते.
कई सारी चीज़ें आसान हो जातीं.
उन्‍हें मज़दूरों की ताक़त का अहसास दिलाना भी
कहीं ज़्यादा आसान होता.

मैं पूरी दुनिया के लिए कह सकता हूं यह शब्‍द
दुनिया के हर देश के लिए कह सकता हूं
मैं आसमान को भी कह सकता हूं
इस ब्रह्मांड की हरेक चीज़ को भी.
लेकिन तेहरान के इस बिना खिड़की वाले किराए के कमरे को
नहीं कह सकता,
मैं इसे घर नहीं कह सकता.

आस्‍था

मेरे पिता मज़दूर थे
आस्‍था से भरे हुए इंसान
जब भी वह नमाज़ पढ़ते थे
(अल्‍लाह) उनके हाथों को देख शर्मिंदा हो जाता था.

हालंकि आज की खबर इस बात की पुष्टि नहीं करता कि सबीर के लिए फैलाई जा रही ये कहानियां सच है या झूठ, पर ये कविताएं आज के लोगों को इन गंभीर मुद्दों पर सोचने के लिए मजबूर करती है।

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पकिस्तान के वो काले कानून जो आप जानकर हो जाएंगे हैरान

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नई दिल्ली। दुनिया के हर देश में कई अजीबोगरीब कानून होते हैं जो लोगों को हैरान करते हैं। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी कई अजीबोगरीब कानून हैं। इस मामले में पड़ोसी देश पहले नंबर पर है। ऐसे कानूनों की वजह से पाकिस्तान की दुनियाभर में आलोचना भी होती है। अभी कुछ महीने पहले ही एक कानून को लेकर उसकी खूब आलोचना हुई थी।

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में एक अजीबोगरीब विधेयक का प्रस्ताव पेश किया गया था। यह विधेयक पड़ोसी देश के साथ ही दुनियाभर में चर्चा का विषय बन गया था। इस बिल में कहा गया था कि 18 साल की उम्र होने पर लोगों की शादी को अनिवार्य कर देना चाहिए। इसके अलावा इस कानून को नहीं मानने वालों को सजा का भी प्रावधान है। पाकिस्तानी राजनेताओं का इसके पीछे तर्क है कि इससे सामाजिक बुराइयों और बच्चों से बलात्कार को रोकने में मदद मिलेगी। आईए जानते हैं पाकिस्तान के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब कानून के बारे में।

बिना इजाजत नहीं छू सकते हैं फोन

पाकिस्तान में बिना इजाजत किसी का फोन छूना गैरकानूनी माना जाता है। अगर कोई गलती से भी किसी दूसरे का फोन छूता है, तो उसे सजा का प्रावधान है। ऐसा करने वाले शख्स को 6 महीने जेल की सजा हो सकती है।

अंग्रेजी अनुवाद है गैरकानूनी

 

पाकिस्तान में आप कुछ शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद नहीं कर सकते हैं। इन शब्दों का इंग्लिश ट्रांसलेशन करना गैरकानूनी माना जाता है। यह शब्द हैं अल्लाह, मस्जिद, रसूल या नबी। अगर कोई इनका अंग्रेजी अनुवाद करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होती है।

पढ़ाई की फीस पर लगता है टैक्स

 

पाकिस्तान में पढ़ाई करने पर टैक्स देना पड़ता है। अगर कोई छात्र पढ़ाई पर 2 लाख से अधिक खर्च करता है, तो उसको पांच प्रतिशत टैक्स देना पड़ता है। शायद इसी डर से पाकिस्तान में लोग कम पढ़ाई करते हैं।

लड़की के साथ रहने पर होती है कार्रवाई

अगर कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे जेल की सजा होती है। यहां पर कोई किसी लड़की के साथ दोस्ती नहीं कर सकता है। पड़ोसी देश में कानून है कि शादी के पहले लड़का और लड़की एक साथ नहीं सकते हैं।

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