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सौर घोटाले में सावधानी से आगे बढ़ रही है केरल पुलिस

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तिरुवनंतपुरम, 16 नवंबर (आईएएनएस)| केरल सौर घोटाले की जांच के लिए पुलिस महानिदेशक राजेश दिवान की अध्यक्षता में गठित पुलिस जांच टीम ने इस मामले की जांच केवल मुख्य आरोपी सरिता नायर द्वारा 2103 में लिखित ‘चिट्ठी’ के आधार पर ही नहीं करने का निर्णय लिया है। नायर ने कई कांग्रेस नेताओं पर भ्रष्टाचार व यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिस टीम ने पहले चरण की बैठक की और राज्य पुलिस प्रमुख लोकनाथ बेहरा को सूचित किया कि पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी समेत अन्य के खिलाफ लगे आरोपों की जांच सावधानी से करनी चाहिए।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता बेन्नी बेहानन ने आईएएनएस को बताया, जो भी राजनीति जानता है वह जानता है कि यह रिपोर्ट ‘राजनीतिक हितों को साधने का प्रयास है।’ सौर घोटाले में बेन्नी का नाम भी शामिल है।

बेहनान ने कहा, यह ज्ञात राजनीतिक कारणों के लिए प्रयोग किया जा रहा है क्योंकि पूरी रिपोर्ट उनकी(नायर के) ‘पत्र’ के इर्द गिर्द ही विस्तृत रूप से घूमती है। हम राजनीति से प्रेरित इस रिपोर्ट पर कानूनी सलाह लेंगे कि आगे क्या किया जाना चाहिए।

सौर ऊर्जा निवेश धोखाधड़ी मामले ने वर्ष 2013 में चांडी सरकार को हिला कर रख दिया था।

नौ नवंबर को पिनाराई विजयन सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश जी. शिवराजन की न्यायिक जांच रिपोर्ट पेश की जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने इस जांच पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह जांच एक फर्जी ‘पत्र’ के आधार पर किया गया है।

विजयन ने 11 नवंबर को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जांच के आधार पर सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा लेकिन बाद में वह इससे पीछे हट गए। रिपोर्ट को विधानसभा पटल पर रखते हुए उन्होंने कहा था कि घोटाले के संबंध में दूसरी जांच की जाएगी और इसी जांच के आधार पर मामला दर्ज किया जाएगा।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, पत्र की विश्वसनीयता पर हमेशा सवाल उठाए जाते रहे हैं क्योंकि सरिता नायर ने कई बार अपने बयान बदले हैं।

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नेशनल

रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए जारी किया निर्देश, ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाने वालों के खिलाफ दर्ज होगा केस

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नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोन के लिए निर्देश जारी कर कहा है कि रेल सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने पर केस दर्ज किया जाएगा। यानी अगर कोई शख्स ट्रेन में या ट्रेन की पटरियों पर रील बनाएगा तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल लोग सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए रेल और रेल की पटरियों पर रील बनाते हैं। कई जगह ये भी देखा गया है कि रील बनाते-बनाते लोग चलती ट्रेन से घायल भी हुए हैं। युवाओं में खासकर यह क्रेज है कि वह रेलवे की पटरियों पर जाकर एक्शन रील बनाते हैं या फिर कुछ एक्सपेरिमेंट करते हैं, जैसेकि ट्रेन की पटरी पर पत्थर रख दिया या कोई सामान रख दिया। इस तरह की रील बनाने वाले लोग खुद के साथ-साथ रेल यात्रियों की जिंदगी भी खतरे में डालते हैं।

ऐसे में रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने को लेकर सरकार सख्त रवैया अपना रही है। ऐसा करने पर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने इस मामले में अपने सभी जोन को निर्देश दिया है, जिसमें कहा गया है कि अगर रील बनाने वाले सुरक्षित रेल परिचालन के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं या कोचों या रेल परिसरों में यात्रियों के लिए असुविधा का कारण बनते हैं तो उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए।

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