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स्विस बैंकों भारतीय जमा राशि 2014 के बाद घटी : पीयूष गोयल
नई दिल्ली, 24 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने भारतीयों द्वारा स्विस बैंकों में जमा धन में 50 फीसदी की तेजी की खबरों को ‘आधारहीन’ करार दिया और कहा कि कांग्रेस ‘झूठ फैलाकर’ अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि खराब करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस धारणा के विपरीत कि स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों द्वारा जमा में 50 फीसदी की वृद्धि हुई है, भारतीय द्वारा वास्तविक जमा में 2016 और 2017 के बीच 34 फीसदी की कमी हुई है, जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार के 2014 में सत्ता में आने के बाद 80 फीसदी कम हो गई है।
गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि राहुल गांधी जिन आंकड़ों के हवाले से ऐसा कह रहे थे, उसमें गैर-जमा दायित्व, स्विस बैंकों के भारतीय शाखाओं के कारोबार, अंतर-बैंक लेन-देन और न्यासिक जिम्मेदारियां शामिल हैं।
उन्होंने कहा, स्विस सरकार ने हमें सूचित किया है राहुल गांधी द्वारा फैलाई जा रही खबर आधारहीन है और कुछ नेताओं द्वारा दिए गए आंकड़े इस मुद्दे से पूरी तरह से अप्रासंगिक हैं।
मंत्री ने कहा कि स्विस सरकार ने भारत को लिखित रूप में बताया है कि स्विस नेशनल बैंक द्वारा प्रकाशित आंकड़े नियमित रूप से भारतीय मीडिया में भारतीय निवासियों के संबंध में स्विस वित्तीय संस्थानों के साथ आयोजित संपत्तियों की मात्रा के विश्वसनीय संकेतक के रूप में उल्लेख किए जाते हैं, लेकिन अक्सर मीडिया रपटों में यह ध्यान नहीं रखा जाता है कि आंकड़ों का अर्थ किस तरह से लिया जाना चाहिए।
गोयल ने कहा, इसका नतीजा है कि शीर्षक और विश्लेषणों को भ्रामक बना दिया गया है। इसके अलावा, अक्सर यह माना जाता है कि स्विट्जरलैंड में भारतीय निवासियों द्वारा जमा की गई कोई भी संपत्ति अघोषित है, इसलिए वह तथाकथित ‘काला धन’ है।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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