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प्रादेशिक

हरदोई: टूट रहा सब्र, नोटबंदी हाय-हाय के नारे लगे

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Hardoi-notebandi pradarshanहरदोई (यूपी)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई नोटबंदी के विरोध में हरदोई जिले में सोमवार को कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन कर सडक़ जाम की गई और नोटबंदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। परेशानी झेल रहे लोगों ने नोटबंदी के आदेश को तुगलकी फरमान बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन पिहानी, गोपामऊ, सांडी व माधौगंज में किया गया।

पिहानी में एक तरफ जे.पी. गुप्ता और गोपी सिंह जिला सचिव तो दूसरी तरफ गुड्डू कुरैशी नगर अध्यक्ष के नेतृत्व में सडक़ पर उतर कर नोटबंदी के विरोध में जमकर नारेबाजी की गई। हाथों में नारे लिखी तख्तियां उठाए सैकड़ों लोग सडक़ पर सीढ़ी और बेंच डालकर बैठ गए और काफी देर तक नारेबाजी करते रहे।

पिहानी कोतवाल पवन त्रिवेदी अपनी फोर्स के साथ यातायात व्यवस्था संभालने में जुटे रहे। इसके बाद धरने पर बैठे लोगों को इंस्पेक्टर ने समझाया और जाम खोलने के लिए कहा। काफी मान-मनुहार के बाद लोगों ने जाम खोल दिया, जिससे पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली।

इस मौके पर मुख्य रूप से चेयरमैन डॉ. सईद खान, मोहसिन जैदी, मोनू कुरैशी, डाडा गुप्ता, फरीद सिद्दीकी, हाजी नाजिम और तमाम सभासद मौजूद रहे। टडियांवा में वली मोहम्मद चेयरमैन नगर पंचायत गोपामऊ की अगुआई में नोटबंदी के विरोध में लोगों ने सडक़ पर उतरकर प्रदर्शन करते हुए सडक़ जाम की। इस दौरान मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले को गलत ठहराते हुए नारेबाजी की गई।

कहा गया कि नोटबंदी के फैसले से पूरे देश की जनता प्रभावित हुई है। प्रदर्शनों के दौरान कहा गया कि नोटबंदी को लेकर आम आदमी त्रस्त है, खेती-किसानी पर बुरा असर पड़ रहा है। उद्योग-धंधे चैपट हो रहे हैं, दिहाड़ी मजदूरों को काम नहीं मिल रहा है, छोटे दुकानदार परेशान हैं। व्यापारियों ने भी इस फैसले को वापस लेने की मांग की।

वहीं माधौगंज में बिलग्राम रोड पर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा व आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में ग्राहकों को कई दिन से रुपये नहीं मिल रहे थे। सोमवार को ग्राहक आक्रोशित होकर सडक़ पर आ गए और नारेबाजी करने लगे, जिससे सडक़ पर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें दोनों ओर लग गई।

सूचना मिलने पर प्रभारी इंचार्ज शेर सिंह राजपूत पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर लोगों को समझा बुझाकर जाम खुलवाया। यहां लोगों ने कहा कि सरकार नोटबंदी के बाद की परिस्थितियों को नियंत्रित कर पाने में विफल है।

कहा गया कि केंद्र सरकार तत्काल बैंकों में रुपया उपलब्ध कराए। लोग अपना काम छोडक़र बैंक और एटीम की कतारों में लगे हैं। अधिकांश बैंकों के पास नगदी का अभाव है। शादी, विवाह, इलाज, रोजमर्रा की जरूरतों के लिए खाते में रुपया होने के बाद भी लोग परेशान हैं। कई हफ्तों से नींद गायब है। सारा दिन कतारों में गुजरता है। कहा गया कि केंद्र सरकार के इस निर्णय से सबसे ज्यादा प्रभाव किसानों, गरीबों, मजदूरों पर पड़ा है। इनका दर्द समझने के बजाय इन्हें कैशलेस व्यवस्था में ढलने को कहा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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