Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

हरीश रावत को करना पड़ा जनप्रतिनिधियों के आक्रोश का सामना

Published

on

Loading

टिहरी विधानसभा, मुख्यमंत्री हरीश रावत, जनप्रतिनिधियों का आक्रोश, सुरकंडा देवी रोपवे का शिलान्यास

harish rawat in tihari

नई टिहरी। टिहरी विधानसभा के सुरकंडा देवी रोपवे के शिलान्यास के लिए पहुंचे मुख्यमंत्री हरीश रावत को क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का आक्रोश झेलना पड़ा। जनप्रतिनिधियों ने हरीश रावत का घेराव कर पर्यटन मंत्री दिनेश धनै के खिलाफ नारेबाजी की।

उन्होंने आरोप लगाया कि टिहरी विधानसभा क्षेत्र की घोषणाएं धनोल्टी विधानसभा क्षेत्र में की जा रही हैं। घेराव के चलते सीएम किसी तरह अपने वाहन तक पहुंच सके। सुरकंडा देवी रोपवे के शिलान्यास के दौरान टिहरी विधानसभा क्षेत्र की कुछ घोषणाएं की।  इस पर सकलाना क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भड़क गए।

उन्होंने सीएम हरीश रावत  से आनंद चौक और बनाली पंपिंग योजना की घोषणा करने की भी मांग की। इस पर सीएम ने वर्ष 2016-17 के बजट से इन योजनाओं को मंजूरी देने की घोषणा की, लेकिन लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ। उन्होंने हरीश रावत पर कोरी घोषणाएं करने का आरोप लगाया। साथ ही पर्यटन मंत्री दिनेश धनै के खिलाफ नारेबाजी की।

उन्होंने बुधवार को ठांगधार में होने वाले सुरकंडा देवी पंपिंग योजना के शिलान्यास का विरोध किया। जिला पंचायत की पूर्व उपाध्यक्ष मीरा सकलानी ने कहा कि योजना का काम तब तक शुरू नहीं होने दिया जाएगा जब तक आनंद चौक और बनाली पंपिंग को मंजूरी नहीं मिलती।

इससे पूर्व ब्लॉक प्रमुख कुंवर सिंह पंवार पर्यटन अधिकारी सोबत सिंह रावत पर भड़के। कहा कि कार्यक्रम सकलाना क्षेत्र में हो रहा है, लेकिन क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाया गया।

सीएम ने किया सुरकंडा देवी के लिए रोपवे का शिलान्यास

सिद्धपीठ मां सुरकंडा देवी में रोपवे का काम शुरू हो गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सुरकंडा देवी रोपवे का शिलान्यास कर दिया। यह रोपवे डेढ़ साल में तैयार होगा। रोपवे बनने के बाद श्रद्धालुओं को सुरकंडा देवी के दर्शन के लिए दो किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई नहीं चढ़नी होगी।

साथ ही वह कद्दूखाल से मात्र दस मिनट में सुरकंडा देवी मंदिर पहुंच जाएंगे। सरकार ने वर्ष 2011 में यहां के लिए रोपवे को मंजूरी दी, लेकिन वन भूमि की बाधा के चलते अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया था। शिलान्यास के मौके पर पर्यटन मंत्री दिनेश धनै, कांग्रेस जिलाध्यक्ष टिहरी शांति प्रसाद भट्ट, पालिकाध्यक्ष मसूरी मनमोहन मल्ल, कुंवर सिंह पंवार, महावीर चौहान, कैशाल, कप्तान सिंह, ताज नारायण आदि मौजूद रहे।

सकलानी के नाम से खुलेगा डिग्री कॉलेज

सीएम हरीश रावत ने कहा कि सरकार प्रदेश में तीर्थाटन और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। प्रदेश का हर पर्यटन स्थल पर्यटकों से गुलजार है। सीएम ने सकलाना में क्रांतिकारी स्व. नागेंद्र सकलानी के नाम से डिग्री कॉलेज खोलने, कद्दूखाल-कुमाल्टा सड़क के चौड़ीकरण के साथ ही राइंका छापराधार के भवन निर्माण के लिए 15 लाख रुपये देने की घोषणा की।

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

Published

on

Loading

हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

Continue Reading

Trending