Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

हालात-ए-यूपी : पुलिस ढूंढे मुर्गियां, अपराधी बेखौफ

Published

on

UP-police

Loading

यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर अक्सर निशाने पर रहने वाली समाजवादी सरकार के लिए एक बार फिर कड़ी परीक्षा की घड़ी है। अपराधी बेखौफ ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस मुर्गियां ढूंढने में व्यस्त है। राजधानी लखनऊ का ही नजारा सारे हालात बयां कर रहा है। 11 दिन में बदमाशों ने दो महिलाओं और दो प्रॉपर्टी डीलरों सहित 11 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। हालात इस कदर खराब हैं कि पुलिस एक वारदात की पड़ताल में जुटती है तब तक दूसरा दुस्साहसिक कांड हो जाता है। इन हालात के बावजूद प्रदेश सरकार पुलिस महकमे को लेकर लगातार हीलाहवाली बरत रही है।

अभी हाल ही में लखनऊ के इतिहास में दशकों बाद पहली बार 44 दिन तक किसी एसएसपी की तैनाती नहीं करने का अनूठा रिकॉर्ड बनाया गया। काफी जद्दोजहद के बाद राजेश कुमार पांडेय को लखनऊ के एसएसपी पद पर नियुक्त किया गया। अन्य जिलों की बात करें तो बदायूं और गोरखपुर में लड़कियों से दिल दहला देने वाली जघन्य वारदातें सामने आईं हैं। इन हालात में भी ‘बेचारी’ पुलिस के पास इन वारदातों का खुलासा करने के अलावा लाखों काम हैं। पुलिस को ‘बेचारा’ कहने की वजह यह है कि कुछ दिनों पहले ही प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने रामपुर में चोरी हुई 12 मुर्गियों को 5 दिन में ढूंढ कर लाने का फरमान पुलिस को सुनाया तो अगले दो दिनों में उन्होंने खुद ही सूबे की कानून व्यवस्था पर तंज कस डाला। उन्होंने कहा कि बड़े अपराधों को रोकने के बजाय पुलिस भैंस व मुर्गी चोर तलाशने में व्यस्त है। ऐसे में पुलिस आदेशों का पालन कर अपनी नौकरी बचाए या फिर जघन्य वारादतों का खुलासा कर अमन-चैन कायम करे, इस पर वह कोई निर्णय कर ही नहीं पा रही है।

पुलिस की सारी ऊर्जा तो थाने से फरियादियों को टरकाने और राजनीतिक दलों के सामने अपने नम्बर बढ़वाने में बर्बाद हो रही है। अगर ऐसा न हो रहा होता तो इलाहाबाद में पुलिस की मॉक ड्रिल में दंगाइयों के हाथ में केसरिया झंडा थमाने का मामला कभी सामने नहीं आता। फिलहाल इस मामले में काफी होहल्ला मचने के बाद यह जांच जारी है कि ये केवल एक संयोग था या दंगाइयों को किसी खास वर्ग से जोड़ने की कोशिश की गई। कुछ दिनों पहले कानपुर में भी पुलिस की मुस्तैदी की पोल पूरी तरह बेनकाब हो गई। यहां पर पुलिसकर्मियों को मजबूत बनाने के लिए पुलिस लाइन में रिहर्सल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रोग्राम में पुलिसकर्मी न तो ठीक से बंदूक पकड़ पाए और न ही निशाना लगाने में कामयाब रहे।

यूपी पुलिस की छवि भी उनके मुखिया की नजर में बेहद दागी है। ये पूर्व डीजीपी एके जैन के बयान से साफ हो जाता है। अपने एक आदेश में उन्होंने कहा कि बैंकों की सुरक्षा में लगने वाले पुलिसकर्मियों की पूरी तरह जांच कर ली जाए। जिससे शराबी, जुआरी और अपराधी किस्म के पुलिसकर्मी बैंक की सुरक्षा में न लग सकें। साफ है कि डीजीपी साहब को अपनी पुलिस पर ऐतबार नहीं। ऐसे में जनता कैसे पुलिस पर भरोसा कर ले? हालात बद से बदतर हो जाएं, इससे पहले ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को जरूर कुछ न कुछ सोचना पड़ेगा। वैसे भी यूपी पुलिस का इलाज केवल दवा की ‘कड़वी गोलियों’ से होने वाला नहीं बल्कि उसे बड़ी ‘सर्जरी’ की जरूरत है।

मुख्य समाचार

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

Published

on

Loading

पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

Continue Reading

Trending