Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

हिमाचल चुनाव : चौपाल में निर्दलीय दिखाते रहे हैं दम

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक सीट ऐसी है, जहां से कई बार निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव जीतकर मुख्य पार्टियों से हाथ मिलकर यानी पाला बदलकर अपनी राजनीति चमकाते रहे हैं, मगर इस बार यहां बतौर निर्दलीय जीतते रहे बलबीर सिंह वर्मा को भाजपा का टिकट मिला है। पेशे से ठेकेदार वर्मा का मुकाबला कांग्रेस के सुभाष चंद मंगलेट से है।

सीट संख्या-60 यानी चौपाल निर्वाचन क्षेत्र शिमला लोकसभा क्षेत्र और शिमला जिले के अंर्तगत आती है। इस क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 71 हजार से अधिक है। शिमला जिले का यह निर्वाचन क्षेत्र अनारक्षित है। इस क्षेत्र के मरोग गांव को एशिया का सबसे अमीर गांव कहा जाता है।

बात करें क्षेत्रीय राजनीति की, तो यहां की जनता दलगत राजनीति से ऊपर उठकर व्यक्तित्व को ज्यादा तवज्जो देती रही है। यहां की रीत रही है कि जिस किसी निर्दलीय उम्मीदवार को यहां की जनता ने जिताया है, उसने अगला चुनाव बड़े दल के बैनर तले लड़ा है। वर्ष 1993 में योगेंद्र चंद ने बतौर निर्दलीय इस सीट से चुनाव जीता और अगले चुनाव 1998 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थामा और जीत दर्ज की।

वर्ष 2003 में फिर से एक निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद ने चुनाव जीता और अगली बार 2007 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर लड़कर जीत गए। वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव में फिर इस निर्वाचन क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार बलबीर सिंह वर्मा को चुना, जिन्होंने दो बार के विधायक और कांग्रेस नेता सुभाष चंद को कांटे की टक्कर में करीब 647 मतों से हराया।

चौपाल सीट के बारे में यह बात काफी मशहूर है कि पिछली पांच बार इस विधानसभा से चुनाव जीतने वाला विधायक कभी भी सत्ताधारी पार्टी के साथ नहीं रहा है।

इस क्षेत्र में 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों को हराकर अपना दबदबा कायम करने वाले निर्दलीय उम्मीदवार और पेशे से ठेकेदार बलबीर सिंह वर्मा पर पाला बदलकर अपनी राजनीति चमकाने का आरोप लगता रहा है। वर्ष 2012 में चुनाव जीतकर उन्होंने वीरभद्र सिंह को समर्थन देकर पार्टी की सदस्यता ले ली थी। वर्ष 2017 की घोषणा होते ही उन्होंने भाजपा का दामन थाम भगवा दल के बैनर तले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

भाजपा बलबीर को टिकट देकर करीब दो दशक से ज्यादा के लंबे अंतराल के बाद इस विधानसभा क्षेत्र पर कब्जा करने की जुगत में है। भाजपा ने यहां 1990 में चुनाव जीता था, जिसके बाद से भाजपा का कोई भी नेता यहां अपनी पकड़ बनाने में कामयाब नहीं हो पाया है।

वहीं कांग्रेस ने दो बार के विधायक और पिछला चुनाव कांग्रेस के बैनर तले जीतने वाले नेता सुभाष चंद मंगलेट को चुनाव मैदान में उतारा है। मंगलेट चौपाल विधानसभा से तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं।

इनके अलावा बहुजन समाज पार्टी के हरि चंद और निर्दलीय उम्मीदवार हरि सिंह पंवार चुनावी दंगल में ताल ठोक रहे हैं।

किस्सों के लिए मशहूर चौपाल विधानसभा में जहां एक तरफ निर्दलीय से भाजपा उम्मीदवार बने बलबीर सिंह वर्मा है तो वहीं दूसरी तरफ दो बार के विधायक सुभाष चंद। जनता ने यहां से निर्दलीय उम्मीदवारों को जिताकर उनकी तकदीर बदली है। अब देखना यह है कि इस बार जनता अपने वोट से किस उम्मीदवार की तकदीर संवारती है।

हिमाचल प्रदेश में 9 नवंबर को मतदान होना है। मतों की गणना 18 दिसंबर को होगी। मतगणना में इतना लंबा अंतराल इसलिए कि अगले महीने 9 और 14 दिसंबर को गुजरात में भी चुनाव होना है।

Continue Reading

नेशनल

केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

Published

on

Loading

कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

Continue Reading

Trending