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हैदराबाद निकाय के चुनाव 15 दिसंबर से पहले हों : न्यायालय

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हैदराबाद| हैदराबाद उच्च न्यायालय ने सोमवार को तेलंगाना सरकार को 15 दिसंबर से पहले गेट्रर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) के चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया कि वह 31 अक्टूबर तक वार्डो के परिसीमन और आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ले।

राज्य सरकार ने न्यायालय से छह माह अतिरिक्त समय मांगा था, जिसे न्यायालय ने ठुकरा दिया।

सरकार ने दलील दी कि ग्रेटर हैदराबाद सिंगापुर से भी बड़ा है, इसलिए चुनाव कराने के लिए और समय की जरूरत है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति कल्याण ज्योति सेनगुप्ता और न्यायमूर्ति पी.वी. संजय कुमार की खंडपीठ ने पाया कि चूंकि नगर निकाय पहले से ही विशेष अधिकारी के अधीन है, इसलिए चुनावों को अधिक समय तक नहीं टाला जा सकता।

न्यायालय फॉरम फॉर गुड गवर्नेस द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इस याचिका में जीएचएमसी के निर्वाचित परिषद का कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद राज्य सरकार की निष्क्रियता को चुनौती दी गई थी।

न्यायालय ने 17 अप्रैल को सरकार को चुनाव में देरी करने के लिए फटकार लगाई थी। इसके साथ ही उसने सरकार से चुनाव कराने के लिए 249 दिनों की मोहलत मांगने पर सफाई भी मांगी थी।

निर्वाचित जीएचएमसी का कार्यकाल पिछले साल दिसंबर में समाप्त हो गया था।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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