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हैदराबाद में टीआरएस का सम्मेलन शुरू

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हैदराबाद| तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के 35,000 से अधिक कार्यकर्ता शुक्रवार सुबह से यहां शुरू पार्टी के सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। जून 2014 में तेलंगाना राज्य बनने और सरकार गठन के बाद टीआरएस का यह पहला सम्मेलन है। सत्तारूढ़ पार्टी ने लाल बहादुर स्टेडियम में 36,000 प्रतिनिधियों के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं।

यह सम्मेलन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शुरू हुआ, और उसके बाद उन लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई, जिन्होंने स्वतंत्र तेलंगाना के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे।

सम्मेलन में पार्टी अध्यक्ष के रूप में मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव का दोबारा चुनाव किया जाएगा।

सम्मेलन में विभिन्न मुद्दों पर 12 प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। पार्टी को मजबूत करने के लिए चर्चा की जाएगी और पार्टी व सरकार के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित किया जाएगा।

इस कार्यक्रम को यादगार बनाने की दिशा में टीआरएस ने पूरे शहर में 150 स्वागत द्वार बनाए हैं, और शहर को 1.25 लाख पार्टी के झंडों और 50 लाख पताकाओं से सजाया गया है। इस सम्मेलन में मंत्री, सांसद, सभी 119 विधानसभा क्षेत्रों के विधायक और अन्य जनप्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव के बेटे राज्य के मंत्री के.टी.रामाराव ने कहा कि इस सम्मेलन में विस्तार से कल्याण और विकास योजनाओं पर चर्चा की जाएगी। ‘स्वर्णिम तेलंगाना’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी।

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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