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देश में बेरोजगारी दर में इजाफा : केंद्र सरकार

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Visakhapatnam:  Union Minister of State for Planning (Independent Charge) and Urban Development, Housing and Urban Poverty Alleviation, Rao Inderjit Singh addresses at the valedictory function of the 3rd BRICS Urbanization Forum, in Visakhapatnam, Andhra Pradesh on Sept 16, 2016. (Photo: IANS/PIB)नई दिल्ली | केंद्र सरकार ने सोमवार को राज्यसभा में स्वीकार किया कि देश में बेरोजगारी दर में इजाफा हो रहा है, खासकर पिछड़ा वर्ग में। प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में योजना राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि कुल मिलाकर बेरोजगारी दर में इजाफा हुआ है, लेकिन यह दर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए अधिक है।

मंत्री ने कहा कि कुल बेरोजगारी दर पांच फीसदी है, जबकि यह ओबीसी के लिए 5.2 फीसदी है।

साल 2013 में बेरोजगारी दर 4.9 फीसदी, 2012 में 4.7 फीसदी तथा 2011 में 3.8 फीसदी थी।

वहीं, अनुसूचित जाति में यह दर साल 2011 में 3.1 फीसदी थी, जो अब बढ़कर पांच फीसदी हो गई है।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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