साइंस
गुड कोलेस्ट्रॉल के लिए एयर पॉल्यूशन जहर समान, हार्ट अटैक की आशंका
न्यूयॉर्क। ज्यादा वायु प्रदूषण में काफी देर तक रहने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। यह उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एचडीएल) के स्तर में कमी आने की वजह से होता है। एचडीएल को आमतौर पर अच्छे कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है। यातायात से जुड़े प्रदूषण की वजह से अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा में कमी आती है। इस शोध से जुड़े निष्कर्षो का प्रकाशन पत्रिका ‘आर्टिरियोस्के लोरोसिस, थ्रोमबोसिस और वास्कुलर बॉयोलाजी’ में किया गया है।
सिएटल में वाशिंगटन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रमुख लेखक ग्रिफिथ बेल ने कहा, “उच्च वायु प्रदूषण वाले क्षेत्रों में एचडीएल के कम स्तर को देखा गया। इसे व्यक्तियों में दिल की बीमारियों के बढ़ते खतरे के तौर पर रेखांकित किया गया।”
यह शोध अमेरिका के 6,654 मध्य आयु वर्ग वाले और बुजुर्गों पर किया गया। ये प्रतिभागी उच्चस्तर के यातायात वायु प्रदूषण वाले इलाके में रहते थे। इसमें एचडीएल का स्तर कम पाया गया।
शोधकर्ताओं ने कहा कि उच्च पर्टिकुलेट मैटर वाले इलाके में तीन महीने तक रहने वालों में एचडीएल स्तर कम पाया गया। पुरुष और महिलाओं में वायु प्रदूषकों का असर अलग-अलग तरीके से होता है। उच्च प्रदूषण वाले क्षेत्र में दोनों के लिए (पुरुष व महिला) एचडीएल का स्तर कम रहा, लेकिन इसका असर महिलाओं में ज्यादा रहा।
साइंस
फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में
नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।
होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
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