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‘2 साल पर लगना चाहिए विश्व पुस्तक मेला’
नई दिल्ली, 14 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली के प्रगति मैदान में 6 जनवरी से चल रहे विश्व पुस्तक मेले का नौवें दिन रविवार को समापन हो गया। लोकप्रिय लेखकों के साथ कई युवा एवं नए लेखकों की कृतियां चर्चा का केंद्र रहीं।
इस बार देखा गया कि धर्म से जुड़ी किताबों के स्टॉल पिछले वर्षो की तुलना में ज्यादा थे। कई लोग यह कहते सुने गए कि पहले की तरह यह मेला हर साल के बजाय दो साल पर लगना चाहिए। इससे मेले के प्रति आकर्षण और बढ़ेगा।
हर साल लगने वाले इस मेले में इस बार भी काफी भीड़ देखी गई। इसके बावजूद कई पाठकों और प्रकाशकों का कहना है कि उनके लिए यह अधिक उत्साहवर्धक नहीं रहा। लोगों का कहना है कि हिंदी किताबों के मंडप में लगने वाले लेखक मंच में चर्चा का स्तर भी घटा है।
इस बार मेले की थीम ‘पर्यावरण संरक्षण’ रखा गया था। थीम मंडप को आकर्षक ढंग से सजाया गया और इस विषय से संबंधी किताबें रखी गई थीं। इस मंडप के मंच पर पर्यावरण के बारे में परिचर्चाएं भी आयोजित की गईं।
एक प्रकाशक सरिता प्रसाद ने बातचीत के दौरान बताया कि वह लगभग सात सालों से इस विश्व पुस्तक मेले में आ रही हैं। लोग किस तरह की किताबों की मांग करते हैं, यह पूछने पर उन्होंने कहा, लोग हमारे स्टॉल पर आकर सबि शर्मा, अश्विन सांघी, रुचिता दिवेकर जो फिटनेस पर लिखती हैं और अमीश जैसे लेखकों की किताबों की ज्यादा मांग करते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि लोग पुस्तक मेले में आते हैं तो उन्हें अनेक नए लेखकों के बारे में भी पता चलता है। यहां कई भाषाओं की किताबें मिल जाती हैं, जैसे अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू, पंजाबी, मराठी, मैथिली, तमिल, तेलुगू, ओड़िया और कन्नड़ समेत देश की कई भाषाओं की किताबें।
कल्पना प्रकाशन के देवेंद्र ने बताया कि वह करीब पिछले चौदह सालों से यहां आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह सामाजिक विज्ञान और हिंदी मीडियम की सारी किताबें उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने बताया कि लोग हमारे यहां साहित्य की किताबें लेना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इस बार युवा पीढ़ी में ज्यादा उत्साह देखने को मिला।
टाट बाबा फाउंडेशन के डी.बी. शर्मा ने बताया कि वह सद्गुरु आनंददेव टाट बाबा जी द्वारा लिखित मेडिटेशन की किताबें रखते हैं। शर्मा ने विश्व पुस्तक मेले को लेकर अपना उद्देश्य बताते हुए कहा कि वह मेडिटेशन को लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं, ताकि लोग खुद में परिवर्तन लाएं और मेडिटेशन करके तनावमुक्त रहें।
उन्होंने बताया कि वह वर्ष 1995 से इस पुस्तक मेले में आ रहे हैं। वह चाहते हैं कि यह मेला दो साल में एक बार होना चाहिए, क्योंकि हर साल मेला लगने से इसके प्रति लोगों का आकर्षण खत्म होता जा रहा है।
योगपथ प्रकाशन की मधुलेखा मित्रा ने कहा, हम लोगों को एक ही किताब देते हैं, जो योग के बारे में है। उन्होंने यहां आने का अपना उद्देश्य बताते हुए कहा, हम लोगों को बताना चाहते हैं कि उन्हें योग संबंधी चार या पांच किताबें खरीदने की जरूरत नहीं है, बल्कि उन्हें हमारे यहां की एक ही किताब में सबकुछ मिल जाएगा।
उन्होंने कहा, मेरा अनुभव यहां बहुत अच्छा रहा, मुझे यहां आकर बहुत कुछ सीखने को मिला।
मेले में किताब खरीदने आईं दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर सुजाता ने बताया कि वह 6 जनवरी से ही रोज मेले में आ रही हैं। उन्होंने कहा, पिछली बार की तुलना में इस बार लोगों में ज्यादा उत्साह देखने को मिला। मुझे लगता है कि लेखक मंच ने स्तरीयता के मामले में लोगों को थोड़ा निराश किया है। मंच पर पहले बहुत अच्छे स्तरीय प्रोग्राम हुआ करते थे, लेकिन इस बार लेखक मंच का स्तर थोड़ा गिरा है।
संवाद प्रकाशन के स्टॉल पर किताब खरीदने आईं सविता कौशिक ने बताया, इस स्टॉल पर महिलाओं के लिए काफी अच्छी किताबें हैं। मैंने स्त्री-विमर्श की किताबें देखी हैं, जो पिछली बार नहीं थी। ताराबाई शिंदे की ‘स्त्री-पुरुष की तुलना’ अच्छी किताब मानी जाती है, जो यहां मिल गई। पंडित रमाबाई की किताब भी मुझे यहीं मिली।
इस बार मेले में देश के लगभग 850 और अन्य देशों के लगभग 40 प्रकाशकों ने हिस्सा लिया। मेले की खास बात यह रही कि हंसध्वनि थिएटर के मंच पर हर शाम लोकगीत, लोक और शास्त्रीय नृत्य के अलावा कई नाटकों का मंचन व मुशायरे का आयोजन हुआ।
–आईएएनएस
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लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर श्रद्धा वॉकर का हत्यारा आफताब पूनावाला
नई दिल्ली । लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. सूत्रों के मुताबिक, मीडिया में चल रही खबरों का संज्ञान लेते हुए तिहाड़ जेल प्रशासन, आफताब पूनावाला की सुरक्षा को लेकर अलर्ट हो गया है क्योंकि उसे लॉरेंश बिश्नोई गैंग से खतरे की बात सामने आई है. तिहाड़ जेल के अंदर जेल नंबर 4 में आफताब पूनावाला को रखा गया है. आफताब, श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड का आरोपी है. दिल्ली के छतरपुर इलाके में आफताब ने श्रद्धा की हत्या करके उसके शरीर को कई टुकड़ों में बांट दिया था.
तिहाड़ जेल से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है लेकिन प्रशासन ने मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लिया है. मुंबई पुलिस के मुताबिक, आफताब पूनावाला लारेंस बिश्नोई गैंग के शूटरों के निशाने पर है.
क्या है मामला ?
पुलिस की जांच में सामने आया था कि 18 मई 2022 की शाम करीब 6:30 से 7:00 बजे के बीच श्रद्धा विकास वॉल्कर की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में आरोपी आफताब और पीड़िता के बीच रिलेशनशिप की टाइम लाइन अहम रही. मई 2019 से मार्च 2022 के दौरान मुंबई में आरोपी और पीड़िता की मुलाकात हुई और प्रेम संबंध बन गए थे. दोनों लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगे थे और खुद को शादीशुदा जोड़े के तौर पर दिखाते थे. उन्होंने 3 जगहों पर एक के बाद एक किराए का मकान लिया था, जहां वे रहते थे. दोनों 2 जगहों पर साथ काम कर चुके थे.
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