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बिजनेस

2000 का नोट बंद कर आरबीआई ला रही 200 और 500 के नोटों की खेप

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नई दिल्‍ली। नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2000 रुपये का नोट बाजार में उतारा था, लेकिन अब आरबीआई (RBI) ने दो हजार रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी है। सूत्रों के मुताबिक रिजर्व बैंक का ध्‍यान अब बाजार में छोटे नोटों लाने जा रहा है। ताकि छोटे नोटों की किल्‍लत से दो चार हुआ जा सके।

एक अंग्रेजी अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक आरबीआई ने पांच महीने पहले ही 2000 रुपये के नोट की छपाई बंद कर
दी थी।

इस नोट को लॉन्‍च करने के महज 4 महीने बाद तक ही छापा गया था। लोगों को नोटबंदी से राहत देने के लिए सरकार की तरफ से 2000 रुपये का बड़ा नोट लॉन्‍च किया गया था, लेकिन बाजार में तेजी से इन नोटों का सर्कुलेशन बढ़ने पर रिजर्व बैंक ने इसकी छपाई बंद कर दी। बता दें कि अब तक 500 रुपये के करीब 14 अरब नोट छापे जा चुके हैं।

अभी तक नोटों की जो भी छपाई हुई है, उनमें 90 फीसदी नोट 500 रुपए के हैं। रिजर्व बैंक की मैसूर प्रेस में 200 रुपये के नोटों की छपाई तेजी से चल रही है।

मार्च में वित्‍त मंत्रालय से बातचीत के बाद आरबीआई ने 200 रुपये का नया नोट बाजार में लाने की तैयारी की थी। ऐसा रिजर्व बैंक की तरफ से नकदी की कमी को दूर करने के लिए किया जा रहा है।

2000 के नोट की छपाई बंद करने के बाद नोट पहले की ही तरह बाजार में चलता रहेगा। इस नोट पर किसी तरह का असर नहीं पड़ेगा। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल बाजार में 2000 के नोट की कमी से कारोबारियों और ग्राहकों को लेन-देन में परेशानी हो रही है। इस परेशानी को दूर करने के लिए ही सरकार ने 200 रुपए के नोट उतारने का फैसला किया।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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