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5.6 लाख से ज्यादा भारतीय उपभोक्ताओं के डाटा में सेंध : फेसबुक

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नई दिल्ली, 5 अप्रैल (आईएएनएस)| एक निजी मार्केटिंग कंपनी द्वारा 5.6 लाख से ज्यादा भारतीय फेसबुक उपभोक्ताओं के निजी डाटा से समझौता किया गया।

इस निजी मार्केटिंग कंपनी ने बाद में निजी जानकारियों को कैंब्रिज एनालिटिका को बेच दी। कैंब्रिज एनालिटिका ब्रिटेन स्थित एक कंपनी है जो वैश्विक गोपनीयता उल्लंघन में फंसी है।

सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने गुरुवार को भारत सरकार को समझौता किए गए एकाउंट के बारे में सूचित किया। सोशल मीडिया कंपनी यह सूचना उपभोक्ता डाटा में सेंधमारी को लेकर दी गई नोटिस व फेसबुक से सुरक्षा सुनिश्चित करने व निजी डाटा का दुरूपयोग रोकने को लेकर उठाए जा रहे कदमों की जानकारी को लेकर दी है।

फेसबुक के एक प्रवक्ता ने आईएएनएस से कहा कि भारत में 335 फेसबुक उपभोक्ताओं द्वारा एक क्विज एप ‘दिसइजयोरडिजिटललाइफ’ नवंबर 2013 से दिसंबर 2015 के बीच इंस्टाल करने के बाद 562,455 उपभोक्ताओं के डाटा में सेंधमारी हुई।

निजी मार्केटिंग कंपनी ने लोगों की जानकारियां एक क्विज एप से जुटाईं थीं।

यह प्रतिक्रिया फेसबुक के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी माइक श्रोएफर के एक ब्लॉग पोस्ट में यह कहे जाने के बाद आई है कि डाटा में सेंधमारी से लोगों का कंपनी पर से विश्वास टूटा है। श्रोएफर ने लिखा, हमारा मानना है कि फेसबुक का अमेरिका के कुल 8.7 करोड़ से ज्यादा लोगों का डाटा कैम्ब्रिज एनालिटिका के साथ अनुचित तरीके से साझा किया गया।

इस एप को कैंब्रिज विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान के शोधकर्ता एलेक्सेंडर कोगन व उनकी कंपनी ग्लोबल साइंस रिसर्च ने विकसित किया था। इस एप ने न सिर्फ 335 उपभोक्ताओं बल्कि उनके दोस्तों के साथ दोस्तों के दोस्तों का डाटा भी निकाल लिया था।

भारत में 335 लोगों ने इस एप को इंस्टाल किया था, जो कि दुनिया भर में इंस्टाल किए गए का 0.1 फीसदी था। लेकिन यह सूचना एप को इंस्टाल करने वाले लोगों तक सीमित थी, जिहोंने इसे 2013 से दिसंबर 2015 इंस्टाल किया था।

उन्होंने कहा, हमें बाद में पता चला कि भारत में इससे 562,120 अतिरिक्त लोग भी प्रभावित हुए हैं, जिसमें एप को इंस्टाल करने वाले के दोस्त भी शामिल हैं। इस तरह भारत में इससे प्रभावित होने वालों की संभावित कुल संख्या 562,455 हो जाती है।

हालांकि, सोशल मीडिया दिग्गज कंपनी ने इन 335 उपभोक्ताओं की पहचान या जगह का खुलासा नहीं किया।

फेसबुक सोमवार 9 अप्रैल से सभी 562,455 उपभोक्ताओं के खातों की निजता के उल्लंघन को लेकर उनके न्यूज फीड के शीर्ष पर एक लिंक दिखाएगी, ताकि वे देख सकें कि वे किन एपों का इस्तेमाल करते हैं और इन एपों के जरिए साझा होने वाली सूचना को जान सकते हैं।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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