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नेशनल

मॉनसून सत्रः ये हैं वो 5 मुद्दे, जिन पर केंद्र सरकार को घेरता नजर आएगा विपक्ष

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मॉनसून सत्र

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नई दिल्ली। मोदी सरकार को केंद्र की सत्ता में आए अब चार से ज्यादा का वक्त हो चुका है। ऐसे में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर विपक्ष अब केंद्र सरकार को घेरने के लिए कोई भी मौका छोड़ना नहीं चाहेगा। पिछले बजट सत्र में हुए हंगामे के बाद यह कयास लगाया जा रहा है कि इस बार भी सभी विपक्षी दल मोदी सरकार के घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। माना जा रहा है कि यह मॉनसून सत्र भी पिछले सत्र की तरह हंगामेदार होने वाला है। इसके पीछे की वजह पिछले मुद्दे का नहीं सुलझना और नए मुद्दो पर विपक्ष की नाराजगी है। आज हम आपको ऐसे 5 मुद्दे बताने जा रहे हैं जिसके चलते विपक्ष और केंद्र सरकार में टकराव देखने को मिल सकता है।

मॉनसून सत्र

किसानों का मुद्दा

मॉनसून सत्र से ठीक पहले केंद्र सरकार ने खरीफ की फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने का फैसला किया है। लेकिन विपक्षी इसे चुनावी लॉलीपॉप बता रहे हैं। सरकार के इस फैसले से किसानों का एक तबका भी नाराज है क्योंकि बीजेपी ने 2014 में ही किसानों की आय बढ़ाने का वादा किया था। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार किसानों के मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हो सकता है।

मॉब लिंचिंग

मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद मॉब लिंचिंग की घटनाओं में हुई अचानक वृद्धि का मुद्दा विपक्ष द्वारा उठाया जा सकता है। आपको बता दें कि बीते 2 महीनों में अफवाहों के चलते 16 मॉब लिंचिंग की घटनाएं हुई जिसने 22 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।

कश्मीर का मुद्दा

जम्मू कश्मीर में 3 साल तक सरकार चलाने के बाद बीजेपी का समर्थन वापस लेने के फैसले पर विपक्ष केंद्र सरकार से सवाल पूछ सकती है। साथ ही नेशनल कॉन्फ्रेंस सहित पूरा विपक्ष जल्द से जल्द चुनाव कराने की मांग भी कर सकता है।

आर्थिक अपराधी

देश का हजारों करोड़ लेकर भाग चुके नीरव मोदी और विजय माल्या जैसे आर्थिक अपराधियों का मुद्दा के जरिए भी विपक्ष केंद्र सरकार को कटघरे में खड़ा कर सकती है।

विशेष राज्य का दर्जा

 आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का देने की मांग पर पूरा बजट सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया लेकिन इस बार बिहार के सांसद भी इस मांग को सदन के भीतर उठा सकते हैं। नीति आयोग की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख ने न सिर्फ आंध्र के यह दर्जा देने का समर्थन किया था बल्कि बिहार के लिए भी यही मांग उठाई थी। जेडीयू केंद्र में सरकार का साझीदार है फिर भी वह विशेष राज्य की मांग के लिए लगातार मोदी सरकार पर दबाव बना रहा है। टीडीपी ने तो आंध्र को दर्जा न दिए जाने से नाराज होकर एनडीए का साथ ही छोड़ दिया था।

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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