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सेंसेक्स, निफ्टी में आधा फीसदी से कम तेजी

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सेंसेक्स, निफ्टी में आधा फीसदी से कम तेजी

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सेंसेक्स, निफ्टी में आधा फीसदी से कम तेजी

मुंबई| देश के शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांकों में पिछले सप्ताह लगभग 0.30 फीसदी तेजी रही। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 0.29 फीसदी यानी 71.51 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 24,717.99 पर बंद हुआ। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.33 फीसदी यानी 24.85 अंकों की तेजी के साथ 7,510.20 पर बंद हुआ। सोमवार सात मार्च 2016 को महाशिवरात्रि के मौके पर बाजार बंद था।

सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयरों में पिछले सप्ताह तेजी रही। ल्युपिन (4.35 फीसदी), एशियन पेंट्स (3.35 फीसदी), टाटा मोटर्स (3.04 फीसदी), एचडीएफसी (2.68 फीसदी) और भारती एयरटेल (2.65 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही।

सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भारतीय स्टेट बैंक (4.27 फीसदी), भेल (3.36 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (3.04 फीसदी), इंफोसिस (2.40 फीसदी) और कोल इंडिया (1.89 फीसदी)।

मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में हालांकि मिला जुला रुख रहा। मिडकैप 0.45 फीसदी या 45.86 अंकों की तेजी के साथ 10,270.70 पर और स्मॉलकैप 0.08 फीसदी या 7.76 अंकों की गिरावट के साथ 10,277.99 पर बंद हुआ।

गत सप्ताह सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर कर संबंधी बजट प्रस्ताव को वापस ले लिया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार आठ मार्च को प्रस्ताव को वापस लेने की घोषणा की। 29 फरवरी को पेश आम बजट 2016-17 में प्रस्ताव रखा गया था कि ईपीएफ और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) दोनों में सेवानिवृत्ति के बाद कुल निकासी का 40 फीसदी हिस्सा करमुक्त रहेगा। इससे एक अप्रैल 2016 के बाद जमा कुल योगदान की निकासी के 60 फीसदी हिस्से पर कर लगता, यदि उसे किसी एन्युइटी उत्पादन में निवेश नहीं किया जाता। पुराने नियमों के मुताबिक ईपीएफ की पूरी निकासी कर मुक्त है।

यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) ने गुरुवार 10 मार्च को यूरोपीय अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार बढ़ा दिया और साथ ही मुख्य ब्याज दर भी घटा दी। ईसीबी ने मुख्य ऋण दर को 0.05 फीसदी से घटाकर शून्य फीसदी कर दिया और जमा दर को नकारात्मक 0.3 फीसदी से और घटाकर नकारात्मक 0.4 फीसदी कर दिया। इसके अलावा ईसीबी ने अपने मासिक बांड खरीदारी कार्यक्रम का आकार 60 अरब डॉलर से बढ़ाकर 80 अरब डॉलर कर दिया, जो अप्रैल 2016 से प्रभावी होगा।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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