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प्रादेशिक

आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन पर कार्यशाला का आयोजन

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आरटीआई अधिनियम के कार्यान्वयन, कार्यशाला का आयोजन, लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन

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लखनऊ। लखनऊ मैनेजमेंट एसोसिएशन ने सूचना के अधिकार अधिनियम के कार्यान्वयन पर आज दयाल पैराडाइज होटल, गोमती नगर, लखनऊ में कार्यशाला का आयोजन किया। सीनियर वाइस प्रेसिडेंट एलएमए सुमेर अग्रवाल ने दर्शकों का स्वागत किया। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अशोक कुमार श्रीवास्तव ने अपने उद्घाटन सत्र में आरटीआई पर बातचीत की और क्यों यह आज प्रासंगिक है इस पर चर्चा की। वेंकटेश नायक,  सूचना कार्यक्रम ने कार्यशाला की एक रूपरेखा के साथ सूचना के अधिकार अधिनियम के बारे में बताया। इस कार्यशाला मे तकनीकी सत्र अधिनियम की जानकारियो के बारे में बताया गया। सत्र में आरटीआई नियम 2015, सीआईसी के आदेश, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के माध्यम जैसे महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल थे। अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के चित्र को समझाया गया और होने वाली समस्याओं के ऊपर चर्चा हुई।

कार्यशाला अधिनियम के बारे में जानकारी दी गयी और गवर्नेंस द्वारा नागरिको की बेहतर सेवा कैसे हो सकती है इस बारे भी चर्चा हुई। इस कार्यशाला में एक विशाल संकाय ने भाग लिया जैसे विनोद राव त्रिपाठी, उपायुक्त ग्रामीण विकास और उमेश मणि त्रिपाठी, उपायुक्त सामाजिक अंकेक्षण। कार्यशाला प्रतिष्ठित पैनलिस्ट द्वारा संबोधित किया गया था जिनमे मौजूद थे वजाहत हबीबुल्ला, पहले केंद्रीय सूचना आयुक्त जब अधिनियम 2005 में शुरू हुआ और वर्तमान अध्यक्ष ने कहा कि स्वास्थ्य से विश्वास में सुधार होता है और लोकतंत्र भी विश्वास के बिना काम नहीं कर सकता। अरविंद सिंह बिष्ट, सूचना आयुक्त ने आरटीआई के इतिहास के बारे में बताया और कहा कि आरटीआई का उदार लोकतंत्र का दिल है। यह देश भर के लोगों के साथ संबंधित है और आम आदमी के लिए जानकारी प्रदान करने का स्रोत है। मुमताज अली खान, संयुक्त सचिव एलएमए के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समारोह संपन्न किया और तकनीकी कार्यशाला सत्र में उपस्थित होने के लिए प्रतिभागियों की सराहना की।

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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