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आरक्षण नीति बदलने का इरादा नहीं : सरकार

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आरक्षण नीति बदलने का इरादा नहीं, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी, सम्पन्न वर्गों द्वारा आरक्षण की मांग संविधान की भावना के विपरीत

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mayawati in rajya sabha

नई दिल्ली| सरकार ने आरक्षण के मुद्दे पर सोमवार को राज्यसभा में अपनी बात फिर दोहराते हुए कहा कि उसका देश की आरक्षण नीति में बदलाव करने का कोई इरादा नहीं है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने समाज के सम्पन्न वर्गो द्वारा आरक्षण की मांग को संविधान की भावना के विपरीत बताया है। आरएसएस के इस बयान के बाद समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण की मांग की थी। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इस मुद्दे को उठाया गया। लेकिन, उप सभापति पी. जे. कुरियन ने कहा कि आरएसएस एक निजी संगठन है और इसकी बातों से सदस्यों को चितित नहीं होना चाहिए। इस पर समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव ने इसे ‘आरक्षण खत्म करने की साजिश’ बताते हुए कहा, “आरएसएस और सरकार में कोई फर्क नहीं है।”

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया कि यह आरक्षण समाप्त करने की सुनियोजित योजना है। सदन के नेता अरुण जेटली ने हालांकि स्प्ष्ट किया कि सरकार का आरक्षण समाप्त करने का कोई इरादा नहीं है। जेटली ने कहा, “सरकार की नीति स्पष्ट है। आरक्षण जारी रहेगा और जिस प्रस्ताव की आप बात कर रहे हैं उसका अर्थ वह नहीं है जो आप कह रहे हैं।” आरएसएस ने रविवार को कहा था कि समाज के सम्पन्न वर्गो द्वारा आरक्षण की मांग संविधान की भावना के विपरीत है। आरएसएस महासचिव भैयाजी जोशी ने राजस्थान के नगौर में संवाददाताओं से कहा था, “आरक्षण ने समाज के कमजोर तबकों की मदद की है और अगर समाज के सम्पन्न वर्ग आरक्षण की मांग करते हैं तो यह सही नहीं लगता।”

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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