मुख्य समाचार
जनसूचना अधिकारियों का पहला कर्तव्य सूचना दिलाना है: जावेद उस्मानी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने कहा है कि सरकार के विभिन्न विभागों में आम तौर पर लोक महत्व की सूचनाएं गोपनीय बनाये रखने की प्रवृत्ति होती है पर विभागों में नियुक्त जन सूचना अधिकारियों का पहला कर्तव्य है कि वे सूचना मांगने वाले को सूचना दिलायें। उस्मानी आज यहां कलेक्ट्रेट स्थित डा.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सभागार में प्रशासनिक सुधार विभाग के तत्वाधान में सूचना का अधिकार नियमावली 2015 के प्रावधानों के मण्डल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे।
सूचना के अधिकार का मंडल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू
उन्होंने कहा कि जन सूचना अधिकारी यदि सूचना दिलाने के अपने दायित्व का समुचित पालन नही करते तो उन पर दण्ड का आरोपण करना सूचना आयोग का कर्तव्य है। उन्होने कहा कि सूचनाएं छिपाते रहने से भ्रष्टाचार पनपता है जबकि लोक महत्व की सूचनाएं पब्लिक डोमेन में देने से भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता है। उन्होंने उन्नाव जनपद से आये लगभग पांच दर्जन जन सूचना अधिकारियों / प्रथम अपीलीय अधिकारियों का आहवान किया कि वे परिवर्तित नियमावली का भली भांति प्रशिक्षण लेंकर लोक सूचना को सहजता से उपलब्ध कराने का कार्य करें उसमे बाधक न बने।
राज्य के सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह विष्ट ने प्रशिक्षु जन सूचना अधिकारियों, अपीलीय अधिकारियों को सूचना के अधिकार कानून के विकास की पृष्ठभूमि से अवगत कराते हुए इस कानून का महत्ता का निरूपण किया और कहा कि वस्तुतः हम सभी आम आदमी है और इस कानून को प्रभावशाली ढंग से लागू कर हम अपने आप को सशक्त बनाने का काम करते है। उन्होंने कहा कि लोगो के जानने के अधिकार को कानूनी रूप दिये जाने के बाद सरकारी अमलों में पारदर्शिता में वृद्धि हुई है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मण्डलायुक्त महेश कुमार गुप्त एवं लखनऊ के जिलाधिकारी राजशेखर तथा उन्नाव की जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल, लखनऊ के अपर जिलाधिकारी प्रशासन राजेश कुमार पाण्डेय, अपर जिलाधिकारी आपूर्ति अनिल कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व धनन्जय शुक्ल, अपर जिलाधिकारी टी.जी अशोक कुमार सहित उन्नाव के वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। प्रशिक्षण का कार्यक्रम आवास विकास परिषद के ए.एम.आर. राजेश मेहतानी जिन्हें प्रशिक्षण के लिए स्टेट रिसोर्स परसन नामित किया गया है ने संचालित किया।
13 अप्रैल तक चलेगा प्रशिक्षण कार्यक्रम
राजेश मेहतानी ने सूचना का अधिकार अधिनियम के उद्देश्य के बारे मे बताया कि अधिनियम के अन्तर्गत नागरिकों के सूचना के अधिकार को कार्यान्वित करने के लिए व्यवहारिक प्रशासनिक व्यव्स्था स्थापित करना, लोक प्राधिकरण के नियंत्रण में उपलब्ध सूचना तक नागरिकों की पहुंच को सुनिश्चित करना, तथा प्रत्येक लोक प्राधिकरण की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही विकसित कर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। उन्होने महत्व व स्वरूप की जानकारी देते हुए बताया कि नियमावली अधिनियम के तहत सूचना प्रकट करने की प्रक्रिया को सगुम बनाती है, केन्द्र व राज्य सरकार के दिशा निर्देशों , न्यायालयों के निर्णयों तथा एक दशक के अनुभवों का समावेश है, सूचना प्राप्त करने और आवेदनों के निस्तारण की प्रक्रिया को प्रारम्भ से अन्त तक चरणबद्ध व तर्क संगत रूप से स्थापित करती है।
उल्लेखनीय है कि आज से शुरू हुआ प्रशिक्षण कार्यक्रम आगामी 13 अप्रैल तक चलेगा। अब प्रशिक्षण का अगला चरण 07 अप्रैल, 11 अप्रैल, 12 अप्रैल एवं 13 अप्रैल को होगा। 07 अप्रैल को रायबरेली, 11 अप्रैल को सीतापुर, 12 अप्रैल को लखनऊ और 13 अप्रैल को हरदोई एवं लखीमपुर के जन सूचनाअधिकारियों/अपीलीय अधिकारियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम लखनऊ कलेक्ट्रेट के डा.ए.पी.जे. अब्दुल कलाम सभागार में सम्पन्न होगा। 06 अप्रैल को तहसील दिवस होने के कारण उस दिन प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं रखा गया है।
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत
पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.
शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव
अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।
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