उत्तराखंड
उत्तराखंड बचाओ यात्रा शुरू करेगी भाजपा
देहरादून। कांग्रेस की लोकतंत्र बचाओ रैली के खिलाफ अब भाजपा भी अभियान चलाने की कवायद कर रही है। इसकी शुरूआत 17 अप्रैल से होगी। भाजपा ने इस अभियान को भ्रष्टाचार हटाओ, उत्तराखंड बचाओ यात्रा नाम दिया है। इस आशय का फैसला पार्टी की प्रदेशस्तरीय बैठक में लिया गया है। प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट के नेतृत्व में यह यात्रा हरिद्वार में गंगा पूजन के साथ प्रारम्भ की जायेगी। इसके साथ ही भाजपा की यह यात्रा भाजपा संगठन के सभी 214 मंडलों तक जायेगी।
17 अप्रैल से हरिद्वार से शुरू होगा अभियान
भाजपा ने इस यात्रा में निवर्तमान कांगे्रस सरकार के भ्रष्टाचार की पोल खोलने के साथ-साथ निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग आॅपरेशन से जुड़ी सीडी को भी आम जनता को दिखाने की रणनीति बनाई है। भाजपा पदाधिकारियों ने बताया कि रावत सरकार द्वारा किए भ्रष्टाचार व कुशासन की पोल खोलते हुए आगामी 17 अपै्रल से यात्रा के जरिये प्रदेशवासियों से उत्तराखंड को बचाने का आह्वान किया जायेगा। सर्वप्रथम रामपुर तिराहा जाकर राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जायेगी।
प्रदेश के सभी 214 मंडलों तक पहुंचेगी भाजपा
गौरतलब है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अब चुनाव की तैयारी में जुट गये हैं। हालांकि अब भी राज्य में राष्ट्रपति शासन हटने की उम्मीद लगाई जा रही है। दोनों ही दल विधानसभा में अपना बहुमत होने का दावा कर रहे हैं, एक ओर कांग्रेस हरीश रावत के नेतृत्व में अब भी बहुमत होने का दावा कर रही है तोदूसरी ओर भाजपा का दावा है कि यदि मौका मिला तो वह सरकार बना सकते हैं। इसके बावजूद दोनों दलों को अब लगने लगा है कि मौजूदा स्थिति के लिए कहीं जनता उन्हें जिम्मेदार न मान लें तो वो जनता के बीच में जाने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस पहले ही भाजपा के खिलाफ डोर टू डोर जा रही है और अब भाजपा ने भी अभियान चलाने की घोषणा कर दी है।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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