उत्तराखंड
उत्तराखंड में लोकतंत्र की हत्या के लिए भाजपा जिम्मेदार: उपाध्याय
देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के प्रजातंत्र एवं उत्तराखण्ड विरोधी चरित्र ने उत्तराखण्ड को राजनैतिक भंवर में डालने का काम कांग्रेस के कुछ जयचंदों को अपना हथियार बनाकर किया है। राज्य की कांग्रेस सरकार जो कि उत्तराखण्ड के विकास एवं राज्य हितों के संरक्षण के लिए कटिबद्ध थी उसको प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा नेताओं ने असंवैधानिक रूप से गिराने का काम किया है। आज भाजपा ने अपने उत्तराखण्ड विरोधी तथा षड़यंत्रकारी चेहरे को उजागर करते हुए उत्तराखण्ड को दोराहे पर खड़ा कर दिया है।
कांग्रेस जारी रखेगी लोकतंत्र बचाओ यात्रा
किशोर उपाध्याय ने कहा कि उनके एवं हरीश रावत जी द्वारा कुमाऊं एवं गढ़वाल मण्डलों में भाजपा नेताओं के इस चरित्र को उजागर करने के लिए 9 जयचंदों के विधानसभा क्षेत्रों में की जा रही ‘लोकतंत्र बचाओ, उत्तराखण्ड बचाओ’ पद यात्राओं में मिल रहे स्थानीय जनता के अपार जनसमर्थन से कांग्रेस पार्टी को शक्ति के साथ प्रेरणा प्राप्त हो रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कल 10 अप्रैल से पूरे प्रदेश में 500 से ज्यादा स्थानों से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, राज्य आन्दोलन के शहीदों तथा उत्तराखण्ड की महान विभूतियों के जन्म एवं कर्मस्थलों से स्थानीय कांग्रेसजनों द्वारा लोकतंत्र बचाओ यात्रायें एवं मशाल जलूस निकाले जा रहे हैं जो 18 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचेंगे। इसी परिपेक्ष में कल 10 अप्रैल को 250 से भी अधिक स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किये गये। 12 अप्रैल को स्वयं उनके नेतृत्व में टिहरी एवं उत्तरकाशी में लोकतंत्र बचाओं यात्राओं का आयोजन किया गया है जिसमें निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत शामिल रहेंगे।
कांग्रेस की यात्रा को मिल रहा अपार जन समर्थन
उपाध्याय ने कहा कि इसी कार्यक्रम के तहत वे स्वयं 15 अप्रैल को स्व. हेमवती नन्दन बहुगुणा के पैतृक गांव बघाणी में आयोजित होने वाली पदयात्रा में शामिल रहेंगे तथा उसी दिन निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत स्व.मधो सिंह भण्डारी के जन्मस्थान मलेथा में आयोजित होने वाली पदयात्रा में शिरकत करेंगे। इसी प्रकार स्व.श्रीमती गौरा देवी के जन्मस्थान से विधायक राजेन्द्र भण्डारी, स्व. सुमित्रा नन्दन पंत के जन्मस्थान से विधायक ललित फस्र्वाण तथा स्व. वीर चन्द्र सिंह गढवाली के जन्मस्थान से विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी लोकतंत्र बचाओ यात्राओं का नेतृत्व करेंगे। इसी प्रकार पूरे प्रदेश से अलग-अलग स्थानों से कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागण लोकतंत्र बचाओं पद यात्राओं का नेतृत्व करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष उपाध्याय ने कहा कि 17 अप्रैल को मुज्जफरनगर के शहीद स्थल रामपुर तिराहे से मशाल जुलुस निकाला जाएगा। इसी दिन हल्द्वानी में यशपाल आर्य एवं इन्दिरा हद्येश तथा देहरादून में हरीश रावत एवं प्रीतम सिंह जी के नेतृत्व में मशाल जुलुस निकाले जायेंगे। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल 2016 को बैसाखी पर्व एवं संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अम्बेडकरजी के जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के तहत पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हरिद्वार में मोर्चा संभालेंगे। भाजपा द्वारा की गई लोकतंत्र की हत्या के विरोध में देहरादून में ‘संविधान बचाओं संकल्प यात्रा’ का आयोजन भी इसी दिन किया जायेगा जिसके तहत कांग्रेसजन संत शिरोमणि रविदासजी के 11 मंदिरो में संविधान की रक्षा के लिए प्रार्थना करेंगे।
उपाध्याय ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी न्याय पालिका पर पूरा विश्वास एवं भरोसा करती है। मा. उच्च न्यायालय का निर्णय निश्चित ही कांग्रेस के पक्ष में आयेगा, जिसके पश्चात पूरे प्रदेश में रथ यात्रा निकाली जायेगी, जो प्रदेश जिला मुख्यालय के साथ-साथ प्रदेश के सभी अन्तिम छोर जैसे धारचूला, माणा, इत्यादी तक जाएगीं। पत्रकार वार्ता में उपाध्याय ने यह भी जानकारी दी कि वे राज्यपाल से मुलाकात कर आदिगुरू शंकराचार्यजी की स्मृतियों को अक्षुण्य रखने के लिए 2013 की भीषण आपदा में क्षतिग्रस्त हुई श्री केदारनाथ में उनकी समाधि के शीघ्र पुर्ननिर्माण का अनुरोध करेंगे।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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