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उत्तराखंड

स्थानीय पर्यटन को बढ़ाने के लिए माउण्टेन बाइकिंग लोकप्रिय विधा

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उत्‍तराखण्‍ड का स्थानीय पर्यटन, माउण्टेन बाइकिंग, अन्तर्राष्ट्रीय श्रेणी में मंगोलिया के साइक्लिस्ट ने मारी बाजी, उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल

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उत्‍तराखण्‍ड का स्थानीय पर्यटन, माउण्टेन बाइकिंग, अन्तर्राष्ट्रीय श्रेणी में मंगोलिया के साइक्लिस्ट ने मारी बाजी, उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल

अन्तर्राष्ट्रीय श्रेणी में मंगोलिया के साइक्लिस्ट ने मारी बाजी

देहरादून। उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल ने शनिवार को देहरादून में ‘उत्तराखण्ड हिमालयन माउण्टेन बाइकिंग प्रतियोगिता 2016’ के विजेताओं को पुरस्कृत किया। राज्यपाल डा. पाल पर्यटन विभाग द्वारा 8 से 16 अप्रैल के मध्य आयोजित इस प्रतियोगिता के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे। प्रतियोगिता की ओवर आल कैटगरी में मंगोलिया, अमेरिका तथा मंगोलिया के साइकिलिस्ट क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे। राष्ट्रीय कैटेगरी मंे प्रथम तीनों स्थानों पर भारतीय सेना के जवानों ने बाजी मारी। समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल डा. पाल ने आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के आयोजनों से उत्तराखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

राज्यपाल डाॅ. पाल ने कहा कि माउण्टेन वाइकिंग साहसिक पर्यटन की लोकप्रिय विधाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि माउण्टेन बाइकिंग आयोजनों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों की भाँति अधिक से अधिक दर्शकों से जोड़ने की जरूरत है, जिससे स्थानीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन विभाग को आयोजन की बधाई देते हुए राज्यपाल डा. पाल ने आशा व्यक्त की कि इस आयोजन के आगामी संस्करण राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय होंगे। उन्होंने कहा कि आजकल आधुनिक तकनीकि से बनी साइकिलों के कारण साइकिलिंग करना रोचक एवं आरामदायक भी हो गया है। विजेताओं को बधाई देते हुए राज्यपाल ने कहा कि किसी भी खेल में जीत-हार से अधिक महत्वपूर्ण सच्ची खेल भावना के साथ प्रतिभाग करना होता है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि तथा देहरादून के मेयर विनोद चमोली ने कहा कि उत्तराखण्ड अपने तीर्थाटन के लिए अधिक जाना जाता है, परन्तु इस प्रकार के आयोजनों में साहसिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन सचिव शैलेष बगौली ने बताया कि इस वर्ष, माउण्टेन साइकिलिंग प्रतियोगिता का दूसरा संस्करण आयोजित किया गया था। 8 से 16 अप्रैल तक आयोजित हुई प्रतियोगिता का प्रारम्भ नैनीताल में हुआ था। नैनीताल से मसूरी तक 109 प्रतिभागियों द्वारा कुल 628 किमी. की यात्रा की गई। इस प्रतियोगिता में अमेरिका, कनाडा, न्यूजीलैण्ड, मंगोलिया, नेपाल, श्रीलंका, सहित कुल सात देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में भारतीय सेना एस.एस.बी सहित अन्य सशस्त्र बलों के जवानों ने भी प्रतिभाग किया। ओवरआल कैटेगरी में मंगोलिया के म्याग्मासर्का प्रथम, अमेरिका के थामस टर्नर द्वितीय तथा मंगोलिया के वायस जार्गल तृतीय स्थान पर रहे। राष्ट्रीय वर्ग में भारतीय सेना के पूर्ण बहादुर प्रधान प्रथम, कुलविंदर द्वितीय तथा रमेश तृतीय स्थान पर रहे।

उत्तराखंड

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लैंड जिहाद के खिलाफ अपनाया सख्त रुख

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देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी लैंड जिहाद के खिलाफ सख्त रुख अपना रहे हैं। इसके साथ ही धर्मांतरण को लेकर भी सीएम धामी सख्त कानून बना कर इसका पूर्णत: पालन करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि धर्मांतरण को लेकर उनकी सरकार ने सख्त कानून बनाया है। इस कानून का सख्ती से पालन करवाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। प्रदेश में किसी तरह का दंगा न हो, कोई आगजनी की घटना न हो, सार्वजनिक संपत्ति को कोई नुकसान न पहुंचाए इसको देखते हुए दंगारोधी कानून बना दिया है।

उत्तराखंड में वर्ष 2023 में लैंड जिहाद को लेकर व्यापक अभियान छेड़ा गया था। वन भूमि पर बनी मजारों के खिलाफ अभियान चलाते हुए जमीनों को मुक्त कराया गया। लैंड जिहाद के नाम पर वन भूमि और सरकारी भूमि पर बनी मजारों और मस्जिदों को हटा कर जमीनों को अतिक्रमणमुक्त कराया गया। हालांकि, कई स्थानों पर सरकारी तंत्र को विरोध का सामना भी करना पड़ा, लेकिन सीएम धामी के सख्त आदेशों के चलते सरकारी जमीनों को अतिक्रमणमुक्त कराने में पूरा अमला जुटा रहा। इस दौरान पांच हजार एकड़ से भी अधिक सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाया गया।

सोशल मीडिया मजार बनाने का वीडियो वायरल होते ही शासन-प्रशासन हरकत में आ गया और सीएम धामी के निर्देशों का पालन करते हुए डीएम सविन बंसल तत्काल एक्शन लेते हुए इस मजार को ध्वस्त करवा दिया। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह मजार बनाने के लिए अनुमति किसने दी थी।

 

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