प्रादेशिक
एलडीए अफसरों को नहीं दिख रहा तालाब पर हो रहा निर्माण
रोकने के बजाए एक दूसरे के सिर ठीकरा फोड़ते रहे प्राधिकरण अफसर
राकेश यादव
लखनऊ। पहले तालाब की जमीन के आसपास टीनशेड इत्यादि डालकर कब्जा किया। करीब एक साल तक बगैर किसी विरोघ के कब्जा बरकरार रहने के बाद अब तालाब की जमीन पर ही शापिंग काम्पलेक्स का निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया। तालाब की जमीन पर हो रहे इस अवैध निर्माण को रोकने के जिम्मेदार हुक्मरान लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसर इस गंभीर मसले पर कुछ बोलने के बजाए एक दूसरे अधिकारी के सिर पर ठिकरा फोड़ते नजर आए। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने तो तालाब की जमीन पर हो रहे इस अवैध निर्माण की शिकायत जिला प्रशासन के जन सुविधा केंद्र पर दर्ज कराकर खलबली मचा दी है।
सामाजिक कार्यकर्ता ने दर्ज कराई जन सुविधा केंद्र पर शिकायत
प्राधिकरण की कानपुर रोड योजना के तहत विकसित एलडीए सेक्टर एल कालोनी के जलवायु विहार के निकट स्थित तालाब की भूमि पर इन दिनों शापिंग काम्पलेक्स का निर्माण धड़ल्ले से चल रहा है। खजाना मार्केट चैराहे के ठीक बगल में हो रहा यह निर्माण स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व में इस जमीन पर विशालकाय तालाब हुआ करता था। इसमें निकट स्थित गांव के लोग सिंघाड़ा इत्यादि का उत्पादन करते थे। शहर विस्तारीकरण योजना के तहत गांव नगर निगम की सीमा में आ गया। नगर निगम के अधिकारियों ने इस तालाब की भूमि को ग्राम समाज की भूमि बताते हुए छोड़ दिया। इसी दौरान विकास प्राधिकरण ने इस जमीन को अधिग्रहित करके तालाब की भूति पर भूखंड काट दिए। विकास प्राधिकरण ने इन भूखंडों को आवंटित भी कर दिया। किंतु ग्राम समाज की भूमि होने की वजह से आवंटियों को भूखंडों का कब्जा नहीं मिल पाया।
यह विवाद चल ही रहा था कि किसी ने इस भूमि पर कुछ समय पूर्व मुख्य सड़क पर टीनशेड इत्यादि लगाकर अस्थाई दुकानें बना दी। लंबे समय से चल रही दुकानों का विरोध नहीं होने पर पिछले दिनों इन दुकानों के ठीक पीछे ही तालाब की विवादित भूमि पर शांपिंग काम्पलेक्स का निर्माण शुरू हो गया। इस सच की जब पड़ताल की गई तो पूर्व में एलडीए बोर्ड के सदस्य रहे पूर्व पार्षद गोविंद पांडे ने उक्त भूमि को विवादित बताते हुए कहा कि विवाद होने की वजह से इस भूमि पर एलडीए के आवंटित भूखंडों का कब्जा नहीं दिया जा सका है। उन्होंने उक्त भूमि को तालाब की भूमि होने की पुष्ठि करते हुए कहा कि इस पर हो रहा निर्माण को रोकने की जिम्मेदारी विकास प्राधिकरण व नगर निगम की है। दूसरी ओर स्थानीय निवासी समाजिक कार्यकर्ता जयकेश त्रिपाठी ने तालाब की भूमि पर हो रहे शापिंग काम्पलेक्स के अवैध निर्माण को रोकने के लिए जिला प्रशासन के जनसुविधा केंद्र पर शिकायत भी दर्ज कराई है।
उधर इस बाबत जब प्राधिकरण की कानपुर रोड योजना के अधिशाषी अभियंता आरडी वर्मा से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि यह जिम्मेदारी उनकी नहीं आरबीओ की है उन्होंने आरबीओ के सहायक अभियंता राकेश मोहन से बात करने की सलाह दी। आरबीओ के सहायक अभियंता से जब इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने खजाना मार्केट का नाम सुनते ही फोन काट दिया। जब अवर अभियंता वीरेंद्र पांडे से सम्पक किया तो उन्होंने निर्माण होने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि इसका नक्शा स्वीकृत है। नक्शा उनके पास है। वह उसे दिखा सकते है। तालाब की भूमि पर निर्माण उस वक्त हो रहा है जब सुप्रीम कोर्ट ने तालाबों पर निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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