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प्रादेशिक

उप्र में किसानों को राहत, राज्य सरकार ने बढ़ाई राजस्व वसूली की सीमा

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उप्र में किसानों को राहत, राज्य सरकार, राजस्व वसूली की सीमा

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उप्र में किसानों को राहत, राज्य सरकार, राजस्व वसूली की सीमा

drought in u.p.

लखनऊ| उत्तर प्रदेश सरकार ने सूखा प्रभावित जिलों के किसानों को बड़ी राहत देते हुए राजस्व वसूली की समय सीमा सितंबर तक बढ़ा दी है। यह जानकारी राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने दी। अधिकारी ने बताया कि राजस्व विभाग ने मुख्य सचिव को राजस्व वसूली पर 30 सितंबर तक रोक लगाने संबंधी प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर मंजूरी मिल गई है। अधिकारी के मुताबिक, राजस्व विभाग ने इस संबंध में जिलाधिकारियों को निर्देश भेजा है। विभाग ने कहा है कि किसानों को किसी तरह से परेशान नहीं किया जाए। इसके साथ ही राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय राहत आयुक्त को नई रिपोर्ट भी भेज दी गई है। गौरतलब है कि प्रदेश के 50 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। इनमें से 21 जिले सर्वाधिक प्रभावित हैं, जिसमें बुंदेलखंड के सात जिले भी शामिल हैं।

राज्य सरकार ने सूखाग्रस्त जिलों के किसानों को राहत देने के लिए राजस्व वसूली पर 31 मार्च तक रोक लगा दी थी। सूखा प्रभावित किसानों की मदद के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन किसानों को अभी पूरी तरह से राहत नहीं पहुंच सकी है। राजस्व विभाग ने इसके अलावा केंद्रीय राहत आयुक्त को नए सिरे से रिपोर्ट भेजी है। इसमें बताया गया है कि सूखा प्रभावित 50 जिलों की 224 में से 99 तहसीलें सूखा प्रभावित हैं। इन तहसीलों के 25,533 गांव के 3,80,64,141 लोग सूखे की मार झेल रहे हैं। उप्र में भले ही सूखे की मार 50 जिलों में पड़ी हो, लेकिन राहत कार्य 33 फीसदी नुकसान झेलने वाले 21 जिलों में ही चल रहा है। इसमें सर्वाधिक राहत कार्य बुंदेलखंड के सातों जिलों में चलाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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