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उत्तराखंड

हरीश रावत फंसे अपने ही जाल में

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हरीश रावत, स्टिंग की सीडी, सीडी में अपनी मौजूदगी कबूली

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हरीश रावत, स्टिंग की सीडी, सीडी में अपनी मौजूदगी कबूली

सीडी में अपनी मौजूदगी कबूली

देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत अभी तक स्टिंग की सीडी को फर्जी करार देते रहे हैं। हालांकि, रविवार को उन्होंने आंशिक तौर पर कबूला कि वीडियो में वही दिख रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी पत्रकार से मिलना गुनाह नहीं है। एक कार्यक्रम के बाद रावत ने कहा, ”क्या एक पत्रकार से मिलना गुनाह है? अगर उस वक्त तक तकनीकी तौर पर अयोग्य घोषित न किए गए विधायकों में से एक ने मुझसे बात की, यह कैसे मायने रखता है? राजनीति में क्या किसी चैनल को हम बंद कर सकते हैं?’’ खुद को निर्दोष करार देते हुए रावत ने कहा कि अगर सीडी में इस बात के सबूत हैं कि उन्होंने विधायकों से समर्थन के बदले पैसे या किसी और चीज का ऑफर दिया है तो वे लोगों के बीच फांसी पर चढ़ने के लिए तैयार हैं।

रावत ने जो कुछ भी कहा, उससे साफ है कि उनके और उस जर्नलिस्ट के बीच मीटिंग हुई थी, जिसने यह सीडी बनाई थी। यहां यह उल्लेखनीय है रावत अब तक सीडी की प्रामाणिकता को चुनौती देते रहे हैं। उन्होंने इसे ‘फर्जी’ करार दिया था। रावत ने कहा, ‘‘मेरे लिये कोई क्यों 15 करोड़ रूपये खर्च करेगा। वह व्यक्ति (पत्रकार) मेरा समय निकालने के लिये कुछ अर्थहीन बातें कर रहा था और मैंने उसका समय गुजारने के लिये कुछ कहा। इससे क्या फर्क पडता है? हम रोजाना इस प्रकार की बातें कहते रहते हैं। क्या इसका मतलब है कि उनका प्रयोग हमारे खिलाफ किया जाये?’’

एक निजी चैनल के मुख्य संपादक द्वारा बनायी गई और नौ बागी कांग्रेसी विधायकों द्वारा प्रसारित की गयी स्टिंग सीडी में कथित रूप से रावत को बागी विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिये पत्रकार से सौदेबाजी करते दिखाया गया था। बीते 18 मार्च को नौ कांग्रेसी विधायकों के बागी हो जाने और राज्य विधानसभा में भाजपा के साथ खड़े हो जाने के बाद प्रदेश में सियासी संकट पैदा हो गया था जिसके बाद 27 मार्च को उत्तराखं डमें राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।

 

उत्तराखंड

केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनता का किया धन्यवाद

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देहरादून: केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत से साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है। ब्रांड मोदी के साथ साथ ब्रांड धामी तेजी से लोगों के दिलों में जगह बना रहे हैं। इस उपचुनाव में विरोधियों ने मुख्यमंत्री धामी के खिलाफ कुप्रचार करके निगेटिव नेरेटिव क्रिएट किया और पूरे चुनाव को धाम बनाम धामी बना दिया। कांग्रेस के शीर्ष नेता और तमाम विरोधी एकजुट होकर मुख्यमंत्री पर हमलावर रहे। बावजूद इसके धामी सरकार की उपलब्धियों और चुनावी कौशल से विपक्ष के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए। धामी के कामकाज पर जनता ने दिल खोलकर मुहर लगाई।

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवल नाम भर नहीं है, बल्कि एक ब्रांड हैं। मोदी के हर क्रियाकलाप का प्रभाव जनता के बड़े हिस्से को प्रभावित करता है इसलिए पिछले दो दशकों से वह देश के सबसे भरोसेमंद ब्रांड बने हुए हैं। ब्रांड मोदी की बदौलत केन्द्र ही नहीं राज्यों में भी भाजपा चुनाव जीतती चली आ रही है। उनके साथ ही राज्यों में भी भजपा के कुछ नेता हैं जो एक ब्रांड के रूप में अपनी पार्टी के लिए फयादेमंद साबित हो रहे हैं। तेजी से उभर रहे ऐसे नेताओं में से एक हैं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। सादगी, सरल स्वभाव, संवेदनशीलता और सख्त निर्णय लेने की क्षमता, ये वो तमाम गुण हैं जिनकी बदौलत पुष्कर सिंह धामी लोकप्रिय बनते जा रहे हैं। धामी ने उत्तराखण्ड में अपने कम समय के कार्यकाल में कई बड़े और कड़े फैसले लिए, जिससे देशभर में उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ। खासकर यूसीसी, नकलरोधी कानून, लैंड जिहाद, दंगारोधी कानून, महिला आरक्षण आदि निर्णयों से वह देश में नजीर पेश की चुके हैं। उनकी लोकप्रियता का दायरा उत्तराखण्ड तक ही सीमित नहीं है वह पूरे देश में उनकी छवि एक ‘डायनेमिक लीडर’ की बन चुकी है।

 

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