Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

उत्तराखंड में शक्ति परीक्षण आज, तैयारियां पूरी

Published

on

उत्तराखंड में शक्ति परीक्षण आज, तैयारियां पूरी

Loading

उत्तराखंड में शक्ति परीक्षण आज, तैयारियां पूरी

देहरादून| उत्तराखंड में पिछले लगभग दो महीने से चली आ रही राजनीतिक उठापटक और कानूनी दांवपेचों के बीच सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर राज्य विधानसभा में मंगलवार सुबह 11 बजे होने वाले शक्ति परीक्षण की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने हरीश रावत के खिलाफ बगावत करने वाले कांग्रेस के नौ बागी विधायकों के शक्ति परीक्षण में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है। इसके बाद सदन की प्रभावी क्षमता घटकर 62 और बहुमत का आंकड़ा 32 हो गया है।

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर होने वाले शक्ति परीक्षण के लिए बुलाए गए विशेष सत्र की सुरक्षा सहित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने बताया कि एंग्लो-इंडियन समुदाय की ओर से मनोनीत विधायक सहित विधानसभा की प्रभावी क्षमता 62 है, जिसमें से उन्हें छोड़कर बाकी सभी विधायक पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा रखे जाने वाले विश्वासमत पर अपना वोट देंगे।

उन्होंने कहा कि वह केवल उसी परिस्थिति में वोट देंगे जब सदन में पक्ष और विपक्ष के विधायकों की संख्या बराबर हो जाए और किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए उनका मत देना जरूरी हो।

विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों की संख्या 27 है। उसे अपने विधायकों के अलावा एक मनोनीत विधायक तथा हरीश रावत सरकार में शामिल छह सदस्यीय प्रगतिशील लोकतांत्रिक मोर्चा (पीडीएफ) के समर्थन का भी भरोसा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का कहना है कि पीडीएफ के सभी सदस्य एकजुट हैं और वे हमारा समर्थन करेंगे।

दूसरी तरफ मोर्चा में शामिल दो विधायकों वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अभी तक इस संबंध में अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

कुंजवाल ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा रखे जाने वाले विश्वास मत की प्रक्रिया को सुरक्षित एवं शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का अनुपालन किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि विशेष सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में कोई भी वाहन प्रवेश नहीं करेगा। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष सहित सभी विधायक मुख्य गेट पर उतर कर पैदल ही विधानसभा परिसर में दाखिल होंगे।

कुंजवाल के मुताबिक, कोई भी विधायक, अधिकारी या कर्मचारी मोबाइल फोन भी विधानसभा में नहीं ले जा पाएंगे।

इस दौरान, मीडियाकर्मियों के प्रवेश को भी पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

गौरतलब है कि 18 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा सहित कांग्रेस के नौ विधायकों के राज्य विधानसभा में विनियोग विधेयक पर मत विभाजन की मांग कर रहे भाजपा सदस्यों के समर्थन में आ जाने से प्रदेश में सियासी संकट पैदा हो गया था। इसके बाद उत्तराखंड में 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया।

अपदस्थ हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्र के इस निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। न्यायालय के आदेश के तहत आज शक्ति परीक्षण होगा।

मुख्य समाचार

‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

Continue Reading

Trending