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शिवसेना ने भाजपा की जीत की हवा निकाली

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शिवसेना ने भाजपा की जीत की हवा निकाली

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शिवसेना ने भाजपा की जीत की हवा निकाली

मुंबई| भारतीय जनता पार्टी के दावों की हवा निकालते हुए शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम यह दर्शाते हैं कि राष्ट्रीय दल क्षेत्रीय दलों को पछाड़ने में सक्षम नहीं है। असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के नतीजे ‘न तो चौंकानेवाले हैं और न ही आश्चर्यजनक’ हैं। सेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में यह लिखा है।

संपादकीय में कहा गया है, “भाजपा केवल कांग्रेस को असम में हरा सकी। वह न तो ममता बनर्जी को पश्चिम बंगाल में हरा सकी, न जयललिता को तमिलनाडु में, न वामपंथी पार्टियों को केरल में और कांग्रेस भी पुडेचेरी में जीत गई। हमें यह स्वीकार करना होगा कि भाजपा क्षेत्रीय दलों को नहीं हरा सकती है।”

सेना ने कहा कि अब यह कहा जा रहा है कि कांग्रेस को असम और केरल से बाहर कर दिया गया। लेकिन यह क्यों नहीं कहा जा रहा है कि भाजपा पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में हार गई। सेना भाजपानीत केंद्र सरकार की सहयोगी पार्टी है। महाराष्ट्र में भी वह भाजपा के साथ सरकार में शामिल है।

यह जानने की जरूरत है कि जब भाजपा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भ्रष्टाचार, गुंडई और आतंकवाद का आरोप लगा रही थी तो लोगों ने तृणमूल कांग्रेस को क्यों वोट दिया? इसमें यह भी कहा गया है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ‘ममता मुक्त बंगाल’ की बात की थी। अब भाजपा यह कह रही है कि वह पश्चिम बंगाल में खाता खुलने से संतुष्ट है।

सेना ने पूछा कि क्या खाता खोलना ही लक्ष्य था? तो फिर भाजपा के शीर्ष नेता बंगाल में क्या रहे थे, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी वहां का दौरा किया और रैलियां की। केरल का जिक्र करते हुए सेना ने कहा कि वहां कांग्रेस और वामपंथी दल बारी-बारी सत्ता में आते हैं और भाजपा वहां भी केवल अपना खाता खोल पाई है।

सेना ने व्यंग्य करते हुए कहा कि जाहिर है, भाजपा के लिए ‘केवल खाता खोलना’ ही ‘अच्छे दिन’ के बराबर है। तमिलनाडु में जयललिता अपनी कुर्सी बचाने में कामयाब रहीं और 126 सीटें जीती। जबकि उन्हें चुनौती डीएमके के 92 वर्षीय एम. करुणानिधि से मिली, जिनकी सीटों की संख्या 32 से बढ़कर 105 हो गई।

सेना ने कहा, “इसलिए, ‘मोदी मैजिक’ इन चारों राज्यों में असफल रहा। केवल असम की जीत बिहार के हार के बाद मरहम की तरह है।” इसमें इस बात को दोहराया गया कि विधानसभा चुनाव के परिणाम से यह साबित होता है कि राष्ट्रीय राजनीतिक दल क्षेत्रीय दलों के प्रसिद्ध नेताओं को कभी मात नहीं दे सकते। “हम सभी विजेताओं को बधाई देते हैं।”

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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